रविवार, 28 अगस्त 2011

पहली फिल्म नैनीताल में फिल्मायेंगे सिंघम, मर्डर-2 वाले सुधांशु


नवीन जोशी नैनीताल। सरोवरनगरी की गलियों में पल-बढ़कर हॉलीवुड की ‘स्वप्निल’ दुनिया लांघ चुके सिने कलाकार सुधांशु पांडे 12 वर्षो बाद अपनी जन्मभूमि लौटे तो एक वादा कर दिया। इसी वर्ष बॉलीवुड में बतौर प्रोडय़ूसर नयी पारी खेलेंगे और उनकी पहली फिल्म की शूटिंग नैनीताल में भी होगी। 
"मॉडल टर्न्ड एक्टर" सुधांशु का चेहरा हिंदी सिने दर्शकों के लिए खासा जाना-पहचाना है। दूरदर्शन पर ‘बेटा’ सीरियल से अभिनय की दुनिया में आये सुधांशु पहली बार खिलाड़ी-420 फिल्म में अक्षय कुमार के अपोजिट पुलिस इंस्पेक्टर की भूमिका में नजर आये थे। इसके बाद उनके फिल्मी कैरियर को गत वर्ष आयी अक्षय की ही ‘सिंह इज किंग’ में निभाये एक सिख युवक के किरदार से नयी पहचान मिली, जिसका परिणाम है कि इस वर्ष उनकी दो फिल्में ‘मर्डर-टू’ व सिंघम रिलीज हो चुकी हैं, जबकि  हेमा मालिनी की 'टेल मी ओ खुदा' व 'राजधानी एक्सप्रेस' शीघ्र रिलीज होने जा रही हैं। बीच में सुधांशु दुनिया के सर्वश्रेष्ठ एक्शन हीरो में शुमार जैकी चेन के साथ हॉलीवुड की फिल्म ‘द मिथ’ में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। इस फिल्म में वह तथा मल्लिका सहरावत ही भारतीय कलाकार थे। फिल्म के निर्देशक स्टैनली टौंग सुधांशु को तभी से अपनी  तथा अन्य हॉलीवुड फिल्मों में लेने तथा हॉलीवुड में ही स्थापित होने की सलाह दे रहे हैं, जिस पर सुधांशु भी अब तैयार नजर आ रहे हैं। हालांकि इस बीच उनकी इस वर्ष के अंत तक अपना प्रोडक्शन हाउस खोलकर हिंदी फिल्म बनाने की योजना भी है। फिलहाल वह तमिल फिल्म ‘बिल्ला' का 'प्रीक्वल' यानी पहले की कहानी पर बन रही फिल्म की शूटिंग में व्यस्त हैं। इसी तमिल फिल्म में निभाये जा रहे ‘डॉन’ के 'गेटअप' में नैनीताल पहुंचे सुधांशु ने शनिवार को ‘राष्ट्रीय सहारा’ द्वारा पूछे गये एक सवाल के जवाब में वादा किया कि उनके प्रोडक्शन हाउस की पहली फिल्म नैनीताल में ‘शूट’ की जाएगी। मूलत: उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के डुंगरी गांव निवासी सुधांशु ने बताया कि उनके पिता रेलवे में कार्यरत थे। उनकी पोस्टिंग नैनीताल स्थित रेलवे के होली डे होम में थी। यहीं बिशप शॉ स्कूल से सुधांशु ने प्रारंभिक शिक्षा ली। यहां फ्लैट मैदान में धर्मेन्द्र की 'हुकूमत' सहित अन्य फिल्मों की शूटिंग देखते हुए उनके मन में भी कला की अलख जगी। यहीं रहते उन्हें भीलवाड़ा शूटिंग्स की मॉडलिंग का ऑफर मिल गया था। बाद में मुंबई जाकर बिना किसी प्रशिक्षण के पहले मॉडल और फिर टीवी व सिने कलाकार बन गये। एक दौर में मुंबई में उनका अपना बैंड भी था। सुधांशु कहते हैं, यह पहाड़ की कला से भरी तासीर ही है, जिसके कारण यह हो पाया। पहाड़ उनके दिल में बसता है। आज नैनीताल आये हैं तो यह उनके लिए घर वापसी जैसा है। आगे लगातार आने की कोशिश करेंगे।

बुधवार, 24 अगस्त 2011

एरीज से हवा की ’फितरत‘ पर नजर

एरीज में वायुमंडल में 30-32 किमी तक के प्रदूषण का मापन शुरू हीलियम गैस से भरे गुब्बारों में लगाए गए उपकरणों से एकत्रित किए जाते हैं आंकड़े
नवीन जोशी नैनीताल। नैनीताल के आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान ‘एरीज’ से हवा में आने वाले प्रदूषण पर नजर रखी जा रही है। आने वाले दिनों में राज्य के लिए यंह ‘कार्बन क्रेडिट’ मांगने का आधार साबित हो सकता है। एरीज में इसरो, अमेरिका के ऊर्जा विभाग व आईआईएससी बेंगलुरु के सहयोग से परियोजना चल रही है। इसके तहत हर सप्ताह वायुमंडल में हीलियम गैस से भरे गुब्बारों को वायुमंडल में छोड़ा जाता है। ये गुब्बारे धरती की सतह से 30 से 32 किमी. की ऊंचाई तक जाते हैं। अपने साथ लेकर गए दो उपकरणों ‘ओजोन सौंडे’ व ‘वेदर सौंडे’ की मदद से हवाओं की दिशा, दबाव, तापमान व ओजोन की मात्रा जैसे आंकड़े एकत्र करते हैं। इतनी ऊंचाई तय करने में गुब्बारों को करीब एक से डेढ़ घंटे लगते हैं, इस दौरान यह लगातार आंकड़े देते रहते हैं। इस परियोजना के वैज्ञानिक डा. मनीष नजा का कहना है कि नैनीताल के वायुमंडल में चूंकि अपना प्रदूषण नहीं है। यहां के वायुमंडल से प्राप्त प्रदूषण व ओजोन गैस के आंकड़े पूरी तरह से बाहर से आने वाली हवाओं के माध्यम से लाए होते हैं। इसलिए वायुमंडल में आने वाली हवाओं की दिशा का अध्ययन किया जा रहा है। आने वाले तीन माह में इस बाबत ठोस तरीके से कहा जा सकेगा कि देश-दुनिया के किस क्षेत्र के प्रदूषण का यहां के वायुमंडल पर प्रभाव पड़ रहा है। अब तक के अध्ययनों से यह देखा गया है कि पहाड़ पर अप्रैल-मई में लगने वाली जंगलों की आग के कारण पांच किमी से ऊपर के वायुमंडल में ओजोन की अत्यधिक मात्रा रिकार्ड की गई है। शेष समय मात्रा सामान्य है। 
मैदानी क्षेत्रों पर भी नजर : 
एरीज में एक अन्य परियोजना ‘गंगा वैली ऐरोसोल एक्सपेरीमेंट’ के तहत हर दिन चार छोटे गुब्बारे भी हवा में छोड़े जा रहे हैं। इनके माध्यम से गंगा के मैदानी क्षेत्रों में औद्योगीकरण के परिणामस्वरूप हो रही ग्लोबल वार्मिग व ग्लोबल कूलिंग तथा सौर विकिरण पर पड़ रहे प्रभाव का आकलन किया जा रहा है। मौसम वैज्ञानिक डा. मनीष नजा के अनुसार भविष्य में पंतनगर और लखनऊ से भी इस प्रकार के आंकड़े लिए जाएंगे। उपग्रह से प्राप्त चित्रों में इन क्षेत्रों में काफी मात्रा में औद्योगिक प्रदूषण देखा गया है, जिसका अब विस्तृत अध्ययन किया जा रहा है। 
उपकरण लौटाने पर इनाम : 
बैलून के जरिए वायुमंडल में छोड़े जाने वाले उपकरण करीब चार घंटे में धरती पर कहीं भी आ गिरते हैं। हालांकि जीपीएस सिस्टम से जुड़े इन उपकरणों के गिरने के बावजूद पूरी जानकारी एरीज में होती है। इसके बावजूद यहां के अधिकारियों ने इनकी सूचना देने व लौटाने पर पांच सौ व एक हजार रुपये के इनाम घोषित किए हैं। इन उपकरणों पर इनाम की जानकारी और लौटाने का पता भी लिखा होता है। इसलिए यदि आपको कहीं ऐसे पता व सूचना लिखे वैज्ञानिक उपकरण मिल जाएं तो इन्हें एरीज को लौटाकर इनाम ले सकते हैं।

बुधवार, 10 अगस्त 2011

एपीजे बोले, ज्ञान लो, महान बनो

नैनीताल (एसएनबी)। भारत रत्न से सम्मानित पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा है कि छात्र महान वैज्ञानिकों ग्राहम बेल, सीवी रमन, रामानुजम, राइट ब्रदर्स, थामस अल्वा एडिसन, हार्डी और प्रो. चंद्रशेखर की तरह असंभव कल्पनाएं करें। इसके बाद वे इन कल्पनाओं को पूरा करने की हिम्मत दिखाकर अद्वितीय बनें। इससे वे मानवीय क्षमता की सीमाओं को तोड़ सकते हैं।
कुमाऊं विवि के 11वें दीक्षांत समारोह में ‘मिसाइलमैन’ के नाम से मशहूर पूर्व राष्ट्रपति डा. कलाम ने विद्यार्थियों से अद्वितीय बनने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि उन्हें जीवन में ऊंचे लक्ष्य रखने होंगे। लगातार ज्ञानार्जन करना होगा। कठिन परिश्रम के साथ महान उपलब्धि का पाने के लिए दृढ़ रहना होगा। ऐसा करने पर वे स्वत: अद्वितीय बन जाएंगे। दीक्षोपदेश देते हुए कुलाधिपति मार्ग्ेट आल्वा ने 1973 में स्थापित कुमाऊं विवि के गौरवमयी इतिहास का विवरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह देश और दुनिया के विद्यार्थियों के लिए गुणवत्तायुक्त शिक्षा का केंद्र बनता जा रहा है। उन्होंने कुमाऊं विवि को राज्य ही नहीं पड़ोसी देश नेपाल व भूटान के विद्यार्थियों का प्रमुख शिक्षा पड़ाव बताया। मुख्यमत्री डा. निशंक ने युवाओं देश और प्रदेश के गौरवशाली अतीत से प्रेरणा लेकर इसे आगे बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार राज्य को 2020 तक आदर्श राज्य बनाने के लिए संकल्पबद्ध है। इससे पूर्व डा. कलाम ने राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के साथ विवि के 36,711 विद्यार्थियों को उपाधियां तथा स्नातकोत्तर के 26 छात्र-छात्रों के अलावा स्नातकोत्तर स्तर पर सर्वोच्च अंक प्रदान करने वाले विद्यार्थियों को कुलपति स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक के अलावा चार छात्राओं को गौरा देवी स्वर्ण पदक व दो अन्य पदक प्रदान किए। आयोजन की शुरूआत कुलसचिव डा. कमल के पांडे के नेतृत्व में विद्या परिषद एवं कार्य परिषद सदस्यों की शोभायात्रा के साथ हुई। डा. कलाम को एनसीसी कैडेटों ने सलामी दी। डा. कलाम ने उपाधिधारकों व पदक विजेताओं से बातचीत भी की। समारोह का शुभारंभ व समापन राष्ट्रगान तथा विवि के कुलगीत से हुआ। संचालन प्रो. नीरजा टंडन तथा डा. दिव्या उपाध्याय जोशी ने किया। कुलपति प्रो.वीपीएस अरोड़ा ने स्वागत एवं कुलसचिव डा. कमल के पांडे ने आभार ज्ञापित किया। इस अवसर पर पूर्व कुलपति प्रो. आरसी पंत, पंतनगर विवि के कुलपति डा. बीके बिष्ट, उत्तराखंड मुक्त विवि के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक, लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष ले.जनरल एमसी भंडारी, महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर आदि उपस्थित थे।

"आधी दुनियां" ने हासिल किये तीन चौथाई पदक 
नवीन जोशी नैनीताल। छात्राओं ने 11वें दीक्षांत समारोह में दिखाया कि जमाना उन्हें हाशिये पर धकेलने की कोशिश न करे। कुमाऊं विवि देश को शिक्षित, ज्ञानवान नारियां देने का फर्ज निभा रहा है। विवि द्वारा पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डा. एपीजे अब्दुल कलाम के हाथों जिन 44 विद्यार्थियों को कुलपति, गौरादेवी एवं अन्य पदक प्रदान किए। उनमें तीन चौथाई यानी 33 पदक छात्राओं को मिले। इनमें कई छात्राऐं ऐसी हैं जिनको कई पदक मिले। दीक्षांत समारोह में स्नातकोत्तर स्तर पर सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर कर्म दुचेन भूटिया, राजेंद्र मेहता, भावना कोठारी, पीतांबर पंत, मोनिका बिष्ट, गुरजीत कौर, हुमा अंबारी, वंदना शर्मा, नवीन चंद्र, नाजिया, तृप्ता जोशी, कविता, वष्रा रानी, स्वाति साह, दीपक चंद्र, वंदना अधिकारी, नीरा सिंह, डीवी व्हुडरी, सीमा नेगी, प्रतिभा रावल, हषर्ल गुणवंत, दीपक बहादुर चंद्र, रवींद्र सिंह, रचना बाजपेयी, परिधि अग्रवाल व मुकेश राय तथा स्नातक स्तर पर उदिता रानी, क्राइस्टबेल सोरेसम, शिखा शर्मा व आफिया मतीन को स्वर्ण पदक प्राप्त से अलंकृत किया गया। संकायों में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाली छात्राओं उदिता, क्राइस्टबेल, शिखा व आफिया को गौरा देवी स्वर्ण पदक हासिल हुआ। इसके अतिरिक्त एमए संस्कृत में सर्वश्रेष्ठ अंक प्राप्त करने वाली भावना कोठारी व एमएससी रसायन में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाली वंदना अधिकारी को डा. डीसी भाकुनी स्मारक स्वर्ण पदक प्रदान किए गए।

बायो डीजल पर शोध करें वैज्ञानिक : कलाम

बायो डीजल से लगेगा प्रदूषण पर अंकुश पूर्व राष्टपति ने कहा भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए हरेक भारतवासी को आना होगा आगे
हल्द्वानी (एसएनबी)। पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम ने डीजल और पेट्रोल से उत्पन्न प्रदूषण को कम करने के लिए बैज्ञानिकों से बायोडीजल पर शोध और उत्पादन का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि पंतनगर से नैनीताल आते समय उन्हें दूसरे शहरों की तरह यहां फैल रहे प्रदूषण की जानकारी मिली है। उन्होंने कहा कि बायोडीजल से कार्बन डाई आक्साइड के उत्सर्जन को कम किया जा सकता है। 
अपने संबोधन में डा. कलाम ने भ्रष्टाचार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए हरेक भारतवासी को आगे आना होगा। डा. कलाम बुधवार को पंतनगर एयरपोर्ट जाते समय गौरा पड़ाव स्थित रक्षा जैव ऊर्जा अनुसंधान संस्थान (डिबेट) में वैज्ञानिकों और छात्रों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में वाहनों की बढ़ती संख्या से वातावरण में कार्बन डाई आक्साइड की मात्रा अधिक हो रही है। इसको रोकने के लिए बायो-डीजल के उत्पादन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने वैज्ञानिकों से बायो रिसर्च पर ध्यान केन्द्रित करने को कहा। डा. कलाम ने डिबेट के वैज्ञानिकों की सराहना करते हुए कहा कि भविष्य में यह संस्थान पूरी दुनिया को नई दिशा दे सकता है। उन्होंने बायो-डीजल उत्पादन में वृद्धि पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कार्बन डाई आक्साइड के अत्यधिक उत्सर्जन से मानव स्वास्थ्य, पर्यावरण और जैव विविधता की संरचना बिगड़ सकती है। उन्होंने संबोधन में उन्होंने भ्रष्टाचार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए हरेक भारतवासी को आगे आना होगा। इस मौके पर डा. कलाम ने बच्चों के सवालों का जवाब देने के साथ ही ज्ञानवृद्धि, कठिन परिश्रम, समस्या और परेशानियों का डटकर मुकाबला करने का मंत्र दिया। उन्होंने भरोसा दिया कि जो छात्र इन चार बातों पर ध्यान केंद्रित करेगा वे सफल होंगे। करीब बीस मिनट के कार्यक्रम में डा. कलाम ने आधे दर्जन से अधिक बच्चों के सवालों के जवाब दिए। सभी बच्चे बिड़ला स्कूल के थे। इस दौरान डा. कलाम ने संस्थान की तमाम प्रयोगशालाओं और विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी ली।संस्थान ने डा. कलाम को स्मृति चिह्न भी भेंट किया। डा. कलाम ने छात्रों ने आटोग्राफ भी दिये।

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मंगलवार, 9 अगस्त 2011

बच्चों का दिल जीत गए एपीजे

नवींन जोशी, नैनीताल। पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम ने स्कूली बच्चों का दिल जीत लिया। वह यहां निर्धारित समय से एक घंटा बाद पहुंचे, लेकिन बच्चों के बीच ऐसे रम गए कि समय कब बीता पता नहीं चला, वह निर्धारित समय से आधा घंटा अधिक समय तक बच्चों के बीच रहे। यहां उन्होंने बच्चों के न केवल सवालों के जवाब दिए, वरन एक शिक्षक या बुजुर्ग से अधिक उन्हें जीवन की दीक्षा भी दी। पूर्व राष्ट्रपति डा. कलाम से यहां बच्चे निर्भीकता से मिले, और उनसे एक वैज्ञानिक होते हुऐ भी राजनीति में जाने (राष्ट्रपति बनने) के कारण भी पूछने लगे। बच्चों ने उनसे यह तक पूछ लिया कि वर्तमान हालातों में यदि भाजपा की सरकार होती तो क्या भ्रष्टाचार पर लगाम लग सकती ? एक बच्ची ने उनसे पूछा वह खगोलविद बनना चाहती है, कैसे बने ? एक बालक ने पूछा देश में आरक्षण की व्यवस्था को वह कितना जायज मानते हैं ? क्या स्कूलों को अच्छे राजनीतिज्ञ बनाने के लिये पाठय़क्रम बनाने चाहिऐ ? काका कलाम ने बड़ी सहजता से इन सवालों के जवाब दिये। उन्होंने बच्चों से कहा, हमेशा ‘मुझे कुछ लेना है’ के बजाय ‘मुझे देश को कुछ देना है’ का भाव रखें। भ्रष्टाचार की खिलाफत अपने घर से अपने पिता को प्रेरित करके करें तो यह समस्या स्वत: समाप्त हो जाऐगी। उन्होंने प्राथमिक शिक्षा को सर्वाधिक महत्वपूर्ण बताते हुऐ कहा कि प्राथमिक शिक्षा का रचनात्मक होना जरूरी है। इसके लिये कक्षाओं, शिक्षकों व पाठय़ सामग्री को भी रचनात्मक बनाना होगा। इससे पूर्व कलाम विद्यालय पहुंचे तो सबसे पहले बच्चों से ही हाथ मिलाऐ और फूल ग्रहण किये। बच्चों के सिर पर हाथ रखकर भी उन्होंने आशीर्वाद दिये। ऐसा लगा नहीं कि देश के सर्वोच्च पद पर बैठा और मिसाइल मैन कहा जाने वाला एक युगदृष्टा बच्चों के सामने हो। तभी तो विद्यालय के भीतर न आ पाऐ स्थानीय बच्चे घरों और सड़क के पार से भी उनके स्वागत में नारेबाजी कर रहे थे।
सपना देखो और उसे साकार करो : कलाम
पूर्व राष्ट्रपति ने बच्चों को दी नसीहत, छात्रों को खूब रिझाया
नैनीताल (एसएनबी)। ‘ खूब सपने देखो, सपनों को सोच व परिणाम में बदलो, सपनों को साकार करने की दिशा में काम करो’। यह सीख पूर्व राष्ट्रपति और बच्चों के काका डा. एपीजे अब्दुल कलाम ने नैनीताल में स्कूली बच्चों को दी। डा. कलाम ने मंगलवार को सेंट मेरी कान्वेंट स्कूल में बच्चों के साथ लगभग डेढ़ घंटा बिताया। इस दौरान उन्होंने बच्चों के साथ अपने जीवन के अनुभव बांटे व जीवन में सफलता के कई गुरु मंत्र दिए। उन्होंने बच्चों के कई सवालों के जवाब भी दिए। 
डा. कलाम कुमाऊं विवि के 11वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि भाग लेने के लिए नैनीताल आए हैं। दीक्षांत समारोह की पूर्व संध्या पर वह स्कूली बच्चों से मिले। सेंट मेरी कांवेंट स्कूल सभागार में अपने वक्तव्य की शुरुआत उन्होंने बच्चों में यह विश्वास भरते हुऐ की कि उनमें महानता है। उन्होंने बच्चों को बताया कि कैसे बड़े लक्ष्यों, कड़ी मेहनत से अच्छी पुस्तकों का लगातार अध्ययन करने, ज्ञान को समाहित कर उसका प्रयोग देश-समाज की समस्याओं को दूर करके महानता हासिल की जा सकती है। अपनी पुस्तक ‘विंग्स ऑफ फायर’ का उल्लेख करते हुए उन्होंने बच्चों में यह विश्वास जगाया कि वह क्षमता, अच्छाई, विश्वास और सपनों सरीखे विचारों के पंखों के साथ पैदा हुऐ हैं, न कि रोने के लिये, क्योंकि उनमें पंख हैं। उन्होंने कहा कि ज्ञान व्यक्ति को रचनात्मक बनाता है, लेकिन इसके लिये विचारों में रचनात्मकता और चरित्र की सुंदरता, घर का अच्छा माहौल होने चाहिए। देश के ‘विजन-2020’ पर उन्होंने कहा कि जहां 70 फीसद ग्रामीणों का उत्थान हो, उन्हें ऊर्जा व साफ पानी मिले तथा सामाजिक व आर्थिक कारणों से किसी को शिक्षा लेने से न रोका जाऐ, भ्रष्टाचार, गरीबी और खासकर महिलाओं व बच्चों के साथ होने वाले अपराध न हों, वह ऐसे भारत की कल्पना करते हैं। उन्होंने खासकर बालिकाओं से निडर, ज्ञानवान, संस्कृतिनिष्ठ व सशक्त बनने का आह्वान किया और विश्वास दिलाया कि महिलाऐं सशक्त होंगी तो देश स्वत: विकसित राष्ट्र बन जाऐगा।
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रविवार, 31 जुलाई 2011

भौर्याल ने किया भवन व छात्रावास का शिलान्यास



नर्सिग होम स्कूल का होगा कायाकल्प
नैनीताल (एसएनबी)। मुख्यालय में पुनर्जीवित किये जा रहे 1967 में बने मेडिकल कालेज के बीडी पांडे राजकीय नर्सिग स्कूल के रूप में नये स्वरूप को सुविधा संपन्न किये जाने की कवायद शुरू हो गई है। स्कूल में करीब 10 करोड़ रुपये नये भवन व छात्रावास के निर्माण, उपकरणों व कर्मचारियों के वेतन के लिए अवमुक्त किये गये हैं। इसी धनराशि से प्रस्तावित निर्माणों का प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री बलवंत सिंह भौर्याल ने रविवार को शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने दावा किया कि कायरे की डीपीआर तैयार की जा रही है, जबकि भवन व छात्रावास निर्माण के लिए Rs5.35 करोड़, फर्नीचर व उपकरणों के लिये Rs2.6 करोड़ व वेतन के लिये Rs2.05 करोड़ अवमुक्त हो गये हैं। हालांकि चिकित्सा विभाग के अधिकारी केवल 26 लाख रुपये ही टोकन मनी के रूप में मिलने की बात कर रहे थे। इससे पूर्व उन्होंने पशु कल्याण बोर्ड उपाध्यक्ष शांति मेहरा, विधायक खड़क सिंह बोहरा के साथ पूजा-अर्चना के साथ निर्माण कायरे का शिलान्यास किया। इस मौके पर सिस्टर ललिता बिष्ट ने नसरे के लिये अलग निदेशालय की मांग के साथ ही नसरे की विभिन्न समस्याएं मंत्री के समक्ष रखीं। भाजपा नेता दिनेश आर्य, हेम चंद्र आर्य, विधायक सहित अन्य नेताओं ने विचार रखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में किये जा रहे कायरे का बखान किया। इस मौके पर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डा. जेसी दुर्गापाल, सीएमओ डा. डीएस गब्र्याल, सीएमएस डा. एनएस भाट व डा. पंकज माथुर, मीनाक्षी नयाल आदि मौजूद थे।
लापरवाह है अवस्थापना विकास निगम : भौर्याल
नैनीताल। प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा व सहकारिता मंत्री बलवंत सिंह भौंर्याल ने राज्य के अवस्थापना विकास निगम को नकारा करार दिया। उन्होंने कहा कि निगम को अल्मोड़ा मेडिकल कालेज का कार्य दिया गया पर वह डेढ़ वर्ष में इसकी डीपीआर तक नहीं बना पाया। इसी कारण नैनीताल में नर्सिंग स्कूल के छात्रावास व भवनों का निर्माण कार्य यूपी राज्य निर्माण निगम को दे दिये हैं। उन्होंने यूपी निगम के माध्यम से यहां निर्माण कार्य एक वर्ष के भीतर पूरे करा लेने का दावा भी किया। निर्माण एजेंसी यूपी राज्य निर्माण निगम से एक वर्ष में कार्य पूरा कराने का समयबद्ध बांड भरा गया है, कार्य पूरा न हुआ तो निगम से पेनाल्टी वसूल की जाएगी।

शुक्रवार, 29 जुलाई 2011

‘ठेके’ पर डाक्टर, ‘ठेंगे’ पर मरीज


147 अस्पतालों में 127 चिकित्सक, पहाड़ से तबादले को अधिकारियों पर दबाव
नवीन जोशी नैनीताल। कुमाऊं मंडल के मुख्यालय व वीआईपी जनपद नैनीताल में चिकित्सा विभाग की कहानी राज्य की समूची व्यवस्था की तस्वीर बयां करने के लिए काफी है। पहली नजर में आप इसे अजूबा मान सकते हैं कि जिले में 147 छोटे-बड़े चिकित्सालयों के सापेक्ष केवल 127 चिकित्सक ही उपलब्ध हैं और स्वीकृत 229 पदों के सापेक्ष 102 पद रिक्त हैं, बावजूद अधिकारी जिले में एक भी चिकित्सालय के चिकित्सक विहीन न होने का दावा कर रहे हैं। यह दावा कमोबेश सही भी है लेकिन यह कैसे संभव है, इसके लिए जो प्रबंध किये गये हैं, वह गंभीर सवाल खड़े करने वाले हैं। पहले जिले में मौजूद चिकित्सालयों व चिकित्सकों के पदों व उपलब्धता की बात कर ली जाए- यहां छह बड़े चिकित्सालय, छह टीवी से संबंधित सेनिटोरियम, क्लीनिक आदि, चार सीएचसी, छह पीएससी, 13 एडीशनल पीएससी, एक-एक पुलिस व हाईकोर्ट हास्पिटल, 31 राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय, दो ग्रामीण महिला हास्पिटल, 67 ग्रामीण उप केंद्र तथा सात अटल आदर्श गांवों में खोले गये अस्थाई मिलाकर कुल 147 चिकित्सालय मौजूद हैं। इन चिकित्सालयों में एलोपैथिक डाक्टरों के 106 स्वीकृत पदों के सापेक्ष केवल 52 चिकित्सक उपलब्ध हैं, जबकि इससे अधिक 54 पद रिक्त हैं। इसी तरह 25 में से 21 महिला चिकित्सक, 64 में से 31 विशेषज्ञ चिकित्सक व 34 में से 23 चिकित्सा अधिकारी ही मौजूद हैं। यानी एक लाइन में कहें तो जिले के 147 अस्पतालों में 229 स्वीकृत पदों के सापेक्ष केवल 127 चिकित्सक ही उपलब्ध हैं। जाहिर है 102 पद रिक्त हैं। बावजूद जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.डीएस गब्र्याल के अनुसार जिले में एक भी अस्पताल चिकित्सक विहीन नहीं है। उनका दावा इस आधार पर सही भी ठहराया जा सकता है कि जिले के चिकित्सक विहीन चिकित्सालयों को सेवानिवृत्ति के बाद संविदा पर महज एक वर्ष के लिए रखे गये करीब 38 बूढ़े चिकित्सकों से भरा गया है, जबकि शेष बची जगहों पर होम्योपैथिक व चिकित्सा की अन्य विधाओं के चिकित्सकों से भरा गया है। चिकित्सा नियमावली का पालन किया जाए तो होम्योपैथिक चिकित्सक एलोपैथिक दवाइयां नहीं दे सकते हैं। इसी तरह आयुव्रेदिक चिकित्सक भी अपनी ही पैथी की दवाइयां दे सकते हैं लेकिन स्वास्थ्य महानिदेशालय ने फिलहाल चिकित्सकों को ड्रग कंट्रोल एक्ट के दायरे से बाहर रखा हुआ है। इस परिधि में केवल फार्मासिस्ट ही लाये गये हैं। कहा जा सकता है कि झगड़े की जड़ फार्मासिस्ट को माना गया है, वरना इस तरह का फरमान जारी करने से पहले दस बार सोचा जाता। निष्कर्ष के तौर पर यह कहा जा सकता है कि जिले में कामचलाऊ व्यवस्था के तहत चिकित्सालयों को चिकित्सक विहीन न रखने की आंकड़ेबाजी तो अच्छी की गई है, पर इसका लाभ जनता को मिल रहा है या नहीं, इसकी किसी को चिंता नहीं है। बहरहाल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कुछ हद तक आस्त हैं कि राज्य के मेडिकल कालेजों से सस्ती फीस पर डाक्टरी करने वाले चिकित्सकों की खेप आने के बाद समस्या का काफी हद तक समाधान निकल आएगा।

शनिवार, 23 जुलाई 2011

नैनीताल में शौर्य दिवस की तैयारियां जोरों पर


डीएम की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में तय हुई कार्यक्रमों की रूपरेखा
नैनीताल (एसएनबी)। करगिल में दुश्मनों के दांत खट्टे करने वाले दिन को नैनीताल जनपद के लोग शान के साथ मनाएंगे। इस मौके पर मुख्यालय में पुलिस व सेना के जवान तथा एनसीसी की तीनों यूनिटों के कैडेट करगिल युद्ध के शहीदों को जनपद की ओर से परेड के जरिये श्रद्धा-सुमन अर्पित करेंगे। शहीदों के आश्रितों व घायल सैनिकों का भी सम्मान किया जाएगा। ब्लाकस्तर पर भी सैनिकों के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित होंगे। इसके अलावा स्कूली बच्चों की निबंध व चित्रकला प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। शुक्रवार को झीविप्रा सभागार में आगामी 26 जुलाई को कारगिल दिवस को शौर्य दिवस के रूप में मनाये जाने के लिए डीएम शैलेश बगौली की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिय गए। तय हुआ कि आयोजन पुलिस लाइन के परेड ग्राउन्ड में आयोजित होगा। सुबह 9.30 बजे से 10.30 बजे तक स्कूलों के बच्चों की पेटिंग प्रतियोगिता, 11 बजे से शहीदों के चित्रों पर माल्यार्पण तथा गार्ड ऑफ ऑनर के बाद पुलिस, सेना व एनसीसी टुकड़ी द्वारा परेड के बाद मुख्य अतिथि को सलामी दी जाएगी। इस दौरान शहीदों के परिजनों तथा करगिल युद्ध में शामिल रहे सैनिकों को सम्मानित किया जाएगा। आयोजन को सफल बनाने के लिए एसडीएम सदर, पुलिस सीओ, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी, जिला सूचना अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, अधिशासी अधिकारी पालिका व सभी राजनीतिक दलों के जिलाध्यक्षों को सम्मलित कर एक समिति का गठन किया गया। डीएम ने राजनीतिक दलों व आम जनता से इस समारोह में उपस्थित होने की अपील की।
करगिल में नैनीताल के पांच लाड़ले हुए थे शहीद
नैनीताल। करगिल युद्ध में देश ने अपने जिन 523 बेटों को खोया, उनमें नैनीताल जनपद के पांच लाडले भी शामिल थे। इनमें नगर के मेजर राजेश अधिकारी, कोश्यां कुटौली के लांस नायक चंदन सिंह, रामनगर के राम प्रसाद ध्यानी, हल्द्वानी के चंदन सिंह, मोहन सिंह व मोहन चंद्र जोशी के नाम शामिल है। हवलदार डीबी पाल को गोली लगने से अपना एक पैर गंवाना पड़ा। नायक कैलाश चंद्र के हाथ में गोली लगी। सिपाही महेश चंद्र पाठक व प्रीतम सिंह, हवलदार वीर सिंह व आनरेरी नायब सूबेदार गंगा सिंह भी गोलियों से घायल हुए देश के 1363 सैनिकों में शामिल थे।

मंगलवार, 19 जुलाई 2011

अब केएमवीएन संग कीजिए 'कुमाऊं' में 'टाइम शेयर'

5४ हजार रुपये में पांच वर्ष तक एक-एक सप्ताह बिताएं  मनमाने समय व स्थान पर
नवीन जोशी, नैनीताल। अब कुमाऊं मंडल विकास निगम के साथ भी आप देश—दुनिया के सैलानियों में मशहूर 'टाइम शेयर' कान्सैप्ट के तहत पांच वर्ष तक देवभूमि के कुमाऊं अंचल में मनमाने स्थान और समय पर पूरा एक सप्ताह मुफ्त में बिता सकते हैं। पेशेवर राह पर आगे बढ़ रहे निगम ने वेब दुनिया के साथ ही इस ओर भी कदम बढ़ा दिये हैं। निगम अपनी इस नयी मुहिम में सैलानियों को उम्मीद से अधिक आकर्षित करने में भी सफल रहा है।
आधुनिक पर्यटन की नयी विधाओँ को जानने वाले लोग जानते हैं कि 'टाइम शेयर' कान्सेप्ट में किसी रेजार्ट, होटल के एक कक्ष को वर्ष के 5२ हफ्तों के लिये अलग—अलग लोगों को सदस्यता के आधार पर तय अवधि के लिये एक तरह की लीज पर दिया जाता है। लीज अवधि में सदस्यता लेने वाले सदस्य हर वर्ष किसी भी रिजार्ट में जाकर एक सप्ताह (छह दिन व सात दिन) मुफ्त में रह सकते हैं। सदस्यता की दरें पीक सीजन यानी रेड, ऑफ सीजन यानी ह्वाइट व ऑफ-पीक यानी ब्लू कार्ड के हिसाब से अलग—अलग भी रखीं जाती हैं, किंतु इससे इतर निगम द्वारा शुरू किये गये सिस्टम के तहत निगम के 4४ पर्यटक आवास गृहों-टीआरएच में टाइम शेयर करने वाले सदस्यों के लिये यह सुविधा है कि वह वर्ष भर के लिये समान सदस्यता (लॉयल्टी मेंबरशिप) केवल 5४ हजार रुपये में ले सकते हैं। इस सदस्यता पर वह आगे पांच वर्षों तक किसी भी टीआरएच में किसी भी सीजन यानी पीक सीजन में भी आकर मुफ्त में परिवार (दो बड़े व दो बच्चे) सहित एक सप्ताह रह सकते हैं। यदि सदस्यता शुल्क को पांच वर्ष में उपलब्ध 3 रातों के हिसाब से भी देखें तो दैनिक किराया 1,70 रुपये के करीब होता है, जोकि आज के किराये के हिसाब से भी करीब आधा है। शायद यही कारण है कि सदस्यता शुरू होने के कुछ दिनों में ही 15 लोग सदस्यता ले चुके हैं। इससे उत्साहित निगम के एमडी चेंश कुमार बताते हैं कि फिलहाल केवल पांच हजार लोगों को ही लॉयल्टी मेंबरशिप दी जाएेगी। इससे निगम को एकमुश्त 25 करोड़ रुपये की आय प्राप्त होगी, जिससे प्रतिवर्ष निगम को बैंक ब्याज के रूप में ही दो करोड़ रुपये प्राप्त होंगे। इसमें से डेढ़ करोड़ रुपये टीआरएच में बेहतर सुविधाएँ जुटाने व मरम्मत आदि पर खर्च करने के बाद भी निगम को 5 लाख रुपये प्रचार-प्रसार व अन्य जरूरतों हेतु उपलब्ध रहेंगे।

निगम की झूठी वेबसाइटों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी
नैनीताल। कुमाऊं मंडल विकास निगम व उसकी वेबसाइट की प्रसिद्धि इंटरनेट हैकर्स और पर्यटन के क्षेत्र में कार्यरत कुछ लोग पचा नहीं पा रहे हैं। शायद इसीलिये निगम के 'की—वर्ड' व नाम आदि से मिलती—जुलती कई वेबसाइटें वेब दुनिया में आ गई हैं। ऐसे में यदि कोई निगम की वेबसाइट को सर्च करता है तो वह निगम के बजाए ऐसी मिलती—जुलती वेबसाइट पर पहुंच जाता है। इन साइटों पर उनके व्यक्तिगत जानकारियां, फोन नंबर, ईमेल पता आदि पूछ लिये जाते हैं, और बाद में फर्जी कंपनियों के लोग संपर्क कर अन्य स्थानों पर जाने के लिये सैलनियों को परेशान करते हैं। निगम एमडी चेंश कुमार ने कहा कि निगम एक ओर अपनी ऑफीसियल वेबसाइट www.kmvn.gov.in को 'फिशिंग प्रूफ' कर सुरक्षित कर रहा है, वहीं ऐसी झूठी साइटों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने जा रहा है। वेबसाइट को अधिक जानकारियों व चित्रों से युक्त किया गया है, जिसके बाद निगम ने इस वर्ष 7५ वर्ष बुकिंग ऑनलाइन ही प्राप्त कीं। इससे इस वर्ष बुकिंग कराकर न आने वाले (ड्राप आउट) सैलानियों में भी कमी आई। ड्राप आउट 35 फीसद से घटकर पांच से आठ फीसद रह गया।

नैनीताल को उत्तराखंड का पहला निर्मल नगर पुरस्कार

पुरस्कार के 50 में से पांच लाख के इनाम मिलेंगे सफाई कर्मियों को
नैनीताल (एसएनबी)। सरोवर नगरी को प्रदेश का पहला 'मुख्यमंत्री निर्मल नगर पुरस्कार' तथा इसके साथ 5 लाख रुपये की धनराशि मिलने से नगर पालिका में हर्ष का माहौल है। पालिकाध्यक्ष मुकेश जोशी ने इस खुशी को आज सभासदों, पालिका कर्मियों व मीडिया के सम्मुख व्यक्त करते हुए प्राप्त धनराशि को खर्च करने की भावी योजना पेश की। बताया कि कई उपयोगी उपकरण खरीदे जायेंगे। 5 में से नियमानुसार 1 फीसद यानी पांच लाख रुपये तो सफाई कर्मियों को पुरस्कार स्वरूप दिये ही जायेंगे, शेष 45 लाख भी ठोस कूडा अपशिष्ट निवारण में ही खर्च होंगे, जिसका लाभ भी निश्चित ही सफाई कर्मियों को मिलेगा।
श्री जोशी ने प्रदेश सरकार से प्राप्त पुरस्कार को पूरी पारदर्शी प्रक्रिया से दिया गया बताते हुएे कहा कि प्राप्त धनराशि से हर सुपरवाइजर क्षेत्र के 1—1 सर्वश्रेष्ठ सफाई कर्मियों को उनके 'ट्रेक रिकार्ड' के आधार पर एक विशेष चयन समिति से चयनित कर पुरस्कृत करेंगे। ऊंचाई वाले क्षेत्रों से कूदा उठाने को एक यूटिलिटी वाहन खरीदेंगे। सफाई कर्मियों से कार्य के दौरान बेहतर संवाद स्थापित रखने के लिये पालिका 'वाकी—टाकी' की मदद भी लेने जा रही है। इसी हेतु सुपरवाइजरों को तीन मोटरसाइकिलें मुहैय्या कराई जायेंगी। नैनी झील की विशेष सफाई के लिये पालिका चंडीगढ़ की तर्ज पर बड़ी विशेष नौका भी तैयार करवाएगी। सफाई कर्मियों को गम बूट, ग्लब्स व आवाज रहित हाथ गा di यां भी उपलब्ध कराई जाएेंगी। इस मौके पर पालिका ईआे, भाजपा नगर अध्यक्ष व सभासद दया बिष्ट, वरिष्ठ सभासद महेंद्र सिंह, मनोज अधिकारी, प्रकाश बिष्ट, आनंद बिष्ट, हरजीत मंटी, प्रेम सागर, मधु बिष्ट, कृपाल सिंह, जगदीश बवाड$ी सहित अनेक कर्मी भी हर्ष मनाने के लिये मौजूद थे।

लेकिन फिलहाल कर्मचारी नाराज
नैनीताल। निर्मल नगर पुरस्कार मिलने से कर्मचारियों को तो पुरस्कार मिलने ही हैं, लेकिन इस बाबत आज आयोजित कार्यक्रम में सभासदों व कार्यालयी कर्मियों के साथ खुद को न बुलाएे जाने से कई सफाई कर्मी नाराज दिखे, और कार्यक्रम छोड$कर बाहर आ गये। उनका कहना था पुरस्कार उनके कार्यों से मिला है।

सफाई कर्मचारियों की मशीन लेगी हाजिरी
नैनीताल। पालिका अब कार्य करने वाले व न करने वाले सफाई कर्मियों पर पूरी नजर रखेगी। इस उद्देश्य से पालिका 25 बायोमैट्रिक्स मशीनें खरीदेगी, जिन पर कर्मियों को अपनी अंगुलियों के निशान मिलाकर कार्यस्थल पर ही हाजिरी देनी होगी। इसके अलावा पालिका कर्मियों को अपने किये गये सफाई कार्य की फोटो भी लानी होंगी, जिसके लिये उन्हें डिजिटल कैमरे उपलब्ध कराये जाएेंगे। आने वाले दिनों में कर्मियों को पालिका की यह पहल नागवार गुजर सकती हैं।

सोमवार, 18 जुलाई 2011

कुविवि के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि होंगे कलाम

नैनीताल (एसएनबी)। पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम कुमाऊं विवि के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। उन्होंने 10 अगस्त को इस समारोह में भा6 को ग लेने के लिए नैनीताल आने की सहमति दे दी है। विवि के कुलपति प्रो. वीपीएस अरोड़ा ने गत दिनों पूर्व राष्ट्रपति को विविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया था, जिसे स्वीकार करते हुए डा.कलाम ने तिथि सहित अपनी सहमति भेज दी है। विवि के कुलसचिव डा. कमल के पांडे ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि यह कुविवि के लिए गौरव का विषय है। दीक्षांत समारोह की तैयारियां जोरों पर की जा रहीं हैं। 
1973 में स्थापित कुमाऊं विवि के दीक्षांत समारोहों के मुख्य अतिथियों में डा. कलाम पूर्व प्रधानमंत्री स्व. पीवी नरसिम्हा राव के बाद देश के दूसरे शीर्ष नेता होंगे। स्व. राव देश के मानव संसाधन मंत्री रहते 25 अक्टूबर 1986 अल्मोड़ा में आयोजित हुए कुविवि के चौथे दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे। दीक्षांत समारोहों के मुख्य अतिथियों की बात की जाए तो 14 जून 1875 को नैनीताल में आयोजित हुए विवि के पहले दीक्षांत समारोह में हिंदी की प्रसिद्ध छायावादी कवियत्री महादेवी वर्मा मुख्य अतिथि थीं। 1978 में तीसरे दीक्षांत समारोह में रुड़की विवि के पूर्व कुलपति डा. घनानंद पांडे, 88 में विवि अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रो. यशपाल, 94 में केंद्रीय मंत्री डॉ. कर्ण सिंह, 2006 में राज्यपाल सुदर्शन अग्रवाल, 07 में राज्यपाल डा. बीएल जोशी, 08 में बनारस हिंदू विवि के कुलपति प्रो. डीपी सिंह व 10 में पर्यावरणविद् डा. वंदना शिवा ने मुख्य अतिथि की भूमिका निभाई।