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बुधवार, 10 अगस्त 2011

एपीजे बोले, ज्ञान लो, महान बनो

नैनीताल (एसएनबी)। भारत रत्न से सम्मानित पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा है कि छात्र महान वैज्ञानिकों ग्राहम बेल, सीवी रमन, रामानुजम, राइट ब्रदर्स, थामस अल्वा एडिसन, हार्डी और प्रो. चंद्रशेखर की तरह असंभव कल्पनाएं करें। इसके बाद वे इन कल्पनाओं को पूरा करने की हिम्मत दिखाकर अद्वितीय बनें। इससे वे मानवीय क्षमता की सीमाओं को तोड़ सकते हैं।
कुमाऊं विवि के 11वें दीक्षांत समारोह में ‘मिसाइलमैन’ के नाम से मशहूर पूर्व राष्ट्रपति डा. कलाम ने विद्यार्थियों से अद्वितीय बनने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि उन्हें जीवन में ऊंचे लक्ष्य रखने होंगे। लगातार ज्ञानार्जन करना होगा। कठिन परिश्रम के साथ महान उपलब्धि का पाने के लिए दृढ़ रहना होगा। ऐसा करने पर वे स्वत: अद्वितीय बन जाएंगे। दीक्षोपदेश देते हुए कुलाधिपति मार्ग्ेट आल्वा ने 1973 में स्थापित कुमाऊं विवि के गौरवमयी इतिहास का विवरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह देश और दुनिया के विद्यार्थियों के लिए गुणवत्तायुक्त शिक्षा का केंद्र बनता जा रहा है। उन्होंने कुमाऊं विवि को राज्य ही नहीं पड़ोसी देश नेपाल व भूटान के विद्यार्थियों का प्रमुख शिक्षा पड़ाव बताया। मुख्यमत्री डा. निशंक ने युवाओं देश और प्रदेश के गौरवशाली अतीत से प्रेरणा लेकर इसे आगे बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार राज्य को 2020 तक आदर्श राज्य बनाने के लिए संकल्पबद्ध है। इससे पूर्व डा. कलाम ने राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के साथ विवि के 36,711 विद्यार्थियों को उपाधियां तथा स्नातकोत्तर के 26 छात्र-छात्रों के अलावा स्नातकोत्तर स्तर पर सर्वोच्च अंक प्रदान करने वाले विद्यार्थियों को कुलपति स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक के अलावा चार छात्राओं को गौरा देवी स्वर्ण पदक व दो अन्य पदक प्रदान किए। आयोजन की शुरूआत कुलसचिव डा. कमल के पांडे के नेतृत्व में विद्या परिषद एवं कार्य परिषद सदस्यों की शोभायात्रा के साथ हुई। डा. कलाम को एनसीसी कैडेटों ने सलामी दी। डा. कलाम ने उपाधिधारकों व पदक विजेताओं से बातचीत भी की। समारोह का शुभारंभ व समापन राष्ट्रगान तथा विवि के कुलगीत से हुआ। संचालन प्रो. नीरजा टंडन तथा डा. दिव्या उपाध्याय जोशी ने किया। कुलपति प्रो.वीपीएस अरोड़ा ने स्वागत एवं कुलसचिव डा. कमल के पांडे ने आभार ज्ञापित किया। इस अवसर पर पूर्व कुलपति प्रो. आरसी पंत, पंतनगर विवि के कुलपति डा. बीके बिष्ट, उत्तराखंड मुक्त विवि के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक, लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष ले.जनरल एमसी भंडारी, महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर आदि उपस्थित थे।

"आधी दुनियां" ने हासिल किये तीन चौथाई पदक 
नवीन जोशी नैनीताल। छात्राओं ने 11वें दीक्षांत समारोह में दिखाया कि जमाना उन्हें हाशिये पर धकेलने की कोशिश न करे। कुमाऊं विवि देश को शिक्षित, ज्ञानवान नारियां देने का फर्ज निभा रहा है। विवि द्वारा पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डा. एपीजे अब्दुल कलाम के हाथों जिन 44 विद्यार्थियों को कुलपति, गौरादेवी एवं अन्य पदक प्रदान किए। उनमें तीन चौथाई यानी 33 पदक छात्राओं को मिले। इनमें कई छात्राऐं ऐसी हैं जिनको कई पदक मिले। दीक्षांत समारोह में स्नातकोत्तर स्तर पर सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर कर्म दुचेन भूटिया, राजेंद्र मेहता, भावना कोठारी, पीतांबर पंत, मोनिका बिष्ट, गुरजीत कौर, हुमा अंबारी, वंदना शर्मा, नवीन चंद्र, नाजिया, तृप्ता जोशी, कविता, वष्रा रानी, स्वाति साह, दीपक चंद्र, वंदना अधिकारी, नीरा सिंह, डीवी व्हुडरी, सीमा नेगी, प्रतिभा रावल, हषर्ल गुणवंत, दीपक बहादुर चंद्र, रवींद्र सिंह, रचना बाजपेयी, परिधि अग्रवाल व मुकेश राय तथा स्नातक स्तर पर उदिता रानी, क्राइस्टबेल सोरेसम, शिखा शर्मा व आफिया मतीन को स्वर्ण पदक प्राप्त से अलंकृत किया गया। संकायों में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाली छात्राओं उदिता, क्राइस्टबेल, शिखा व आफिया को गौरा देवी स्वर्ण पदक हासिल हुआ। इसके अतिरिक्त एमए संस्कृत में सर्वश्रेष्ठ अंक प्राप्त करने वाली भावना कोठारी व एमएससी रसायन में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाली वंदना अधिकारी को डा. डीसी भाकुनी स्मारक स्वर्ण पदक प्रदान किए गए।

बायो डीजल पर शोध करें वैज्ञानिक : कलाम

बायो डीजल से लगेगा प्रदूषण पर अंकुश पूर्व राष्टपति ने कहा भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए हरेक भारतवासी को आना होगा आगे
हल्द्वानी (एसएनबी)। पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम ने डीजल और पेट्रोल से उत्पन्न प्रदूषण को कम करने के लिए बैज्ञानिकों से बायोडीजल पर शोध और उत्पादन का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि पंतनगर से नैनीताल आते समय उन्हें दूसरे शहरों की तरह यहां फैल रहे प्रदूषण की जानकारी मिली है। उन्होंने कहा कि बायोडीजल से कार्बन डाई आक्साइड के उत्सर्जन को कम किया जा सकता है। 
अपने संबोधन में डा. कलाम ने भ्रष्टाचार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए हरेक भारतवासी को आगे आना होगा। डा. कलाम बुधवार को पंतनगर एयरपोर्ट जाते समय गौरा पड़ाव स्थित रक्षा जैव ऊर्जा अनुसंधान संस्थान (डिबेट) में वैज्ञानिकों और छात्रों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में वाहनों की बढ़ती संख्या से वातावरण में कार्बन डाई आक्साइड की मात्रा अधिक हो रही है। इसको रोकने के लिए बायो-डीजल के उत्पादन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने वैज्ञानिकों से बायो रिसर्च पर ध्यान केन्द्रित करने को कहा। डा. कलाम ने डिबेट के वैज्ञानिकों की सराहना करते हुए कहा कि भविष्य में यह संस्थान पूरी दुनिया को नई दिशा दे सकता है। उन्होंने बायो-डीजल उत्पादन में वृद्धि पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कार्बन डाई आक्साइड के अत्यधिक उत्सर्जन से मानव स्वास्थ्य, पर्यावरण और जैव विविधता की संरचना बिगड़ सकती है। उन्होंने संबोधन में उन्होंने भ्रष्टाचार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए हरेक भारतवासी को आगे आना होगा। इस मौके पर डा. कलाम ने बच्चों के सवालों का जवाब देने के साथ ही ज्ञानवृद्धि, कठिन परिश्रम, समस्या और परेशानियों का डटकर मुकाबला करने का मंत्र दिया। उन्होंने भरोसा दिया कि जो छात्र इन चार बातों पर ध्यान केंद्रित करेगा वे सफल होंगे। करीब बीस मिनट के कार्यक्रम में डा. कलाम ने आधे दर्जन से अधिक बच्चों के सवालों के जवाब दिए। सभी बच्चे बिड़ला स्कूल के थे। इस दौरान डा. कलाम ने संस्थान की तमाम प्रयोगशालाओं और विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी ली।संस्थान ने डा. कलाम को स्मृति चिह्न भी भेंट किया। डा. कलाम ने छात्रों ने आटोग्राफ भी दिये।

मूलतः यहाँ क्लिक करके देखें. 

मंगलवार, 9 अगस्त 2011

बच्चों का दिल जीत गए एपीजे

नवींन जोशी, नैनीताल। पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम ने स्कूली बच्चों का दिल जीत लिया। वह यहां निर्धारित समय से एक घंटा बाद पहुंचे, लेकिन बच्चों के बीच ऐसे रम गए कि समय कब बीता पता नहीं चला, वह निर्धारित समय से आधा घंटा अधिक समय तक बच्चों के बीच रहे। यहां उन्होंने बच्चों के न केवल सवालों के जवाब दिए, वरन एक शिक्षक या बुजुर्ग से अधिक उन्हें जीवन की दीक्षा भी दी। पूर्व राष्ट्रपति डा. कलाम से यहां बच्चे निर्भीकता से मिले, और उनसे एक वैज्ञानिक होते हुऐ भी राजनीति में जाने (राष्ट्रपति बनने) के कारण भी पूछने लगे। बच्चों ने उनसे यह तक पूछ लिया कि वर्तमान हालातों में यदि भाजपा की सरकार होती तो क्या भ्रष्टाचार पर लगाम लग सकती ? एक बच्ची ने उनसे पूछा वह खगोलविद बनना चाहती है, कैसे बने ? एक बालक ने पूछा देश में आरक्षण की व्यवस्था को वह कितना जायज मानते हैं ? क्या स्कूलों को अच्छे राजनीतिज्ञ बनाने के लिये पाठय़क्रम बनाने चाहिऐ ? काका कलाम ने बड़ी सहजता से इन सवालों के जवाब दिये। उन्होंने बच्चों से कहा, हमेशा ‘मुझे कुछ लेना है’ के बजाय ‘मुझे देश को कुछ देना है’ का भाव रखें। भ्रष्टाचार की खिलाफत अपने घर से अपने पिता को प्रेरित करके करें तो यह समस्या स्वत: समाप्त हो जाऐगी। उन्होंने प्राथमिक शिक्षा को सर्वाधिक महत्वपूर्ण बताते हुऐ कहा कि प्राथमिक शिक्षा का रचनात्मक होना जरूरी है। इसके लिये कक्षाओं, शिक्षकों व पाठय़ सामग्री को भी रचनात्मक बनाना होगा। इससे पूर्व कलाम विद्यालय पहुंचे तो सबसे पहले बच्चों से ही हाथ मिलाऐ और फूल ग्रहण किये। बच्चों के सिर पर हाथ रखकर भी उन्होंने आशीर्वाद दिये। ऐसा लगा नहीं कि देश के सर्वोच्च पद पर बैठा और मिसाइल मैन कहा जाने वाला एक युगदृष्टा बच्चों के सामने हो। तभी तो विद्यालय के भीतर न आ पाऐ स्थानीय बच्चे घरों और सड़क के पार से भी उनके स्वागत में नारेबाजी कर रहे थे।
सपना देखो और उसे साकार करो : कलाम
पूर्व राष्ट्रपति ने बच्चों को दी नसीहत, छात्रों को खूब रिझाया
नैनीताल (एसएनबी)। ‘ खूब सपने देखो, सपनों को सोच व परिणाम में बदलो, सपनों को साकार करने की दिशा में काम करो’। यह सीख पूर्व राष्ट्रपति और बच्चों के काका डा. एपीजे अब्दुल कलाम ने नैनीताल में स्कूली बच्चों को दी। डा. कलाम ने मंगलवार को सेंट मेरी कान्वेंट स्कूल में बच्चों के साथ लगभग डेढ़ घंटा बिताया। इस दौरान उन्होंने बच्चों के साथ अपने जीवन के अनुभव बांटे व जीवन में सफलता के कई गुरु मंत्र दिए। उन्होंने बच्चों के कई सवालों के जवाब भी दिए। 
डा. कलाम कुमाऊं विवि के 11वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि भाग लेने के लिए नैनीताल आए हैं। दीक्षांत समारोह की पूर्व संध्या पर वह स्कूली बच्चों से मिले। सेंट मेरी कांवेंट स्कूल सभागार में अपने वक्तव्य की शुरुआत उन्होंने बच्चों में यह विश्वास भरते हुऐ की कि उनमें महानता है। उन्होंने बच्चों को बताया कि कैसे बड़े लक्ष्यों, कड़ी मेहनत से अच्छी पुस्तकों का लगातार अध्ययन करने, ज्ञान को समाहित कर उसका प्रयोग देश-समाज की समस्याओं को दूर करके महानता हासिल की जा सकती है। अपनी पुस्तक ‘विंग्स ऑफ फायर’ का उल्लेख करते हुए उन्होंने बच्चों में यह विश्वास जगाया कि वह क्षमता, अच्छाई, विश्वास और सपनों सरीखे विचारों के पंखों के साथ पैदा हुऐ हैं, न कि रोने के लिये, क्योंकि उनमें पंख हैं। उन्होंने कहा कि ज्ञान व्यक्ति को रचनात्मक बनाता है, लेकिन इसके लिये विचारों में रचनात्मकता और चरित्र की सुंदरता, घर का अच्छा माहौल होने चाहिए। देश के ‘विजन-2020’ पर उन्होंने कहा कि जहां 70 फीसद ग्रामीणों का उत्थान हो, उन्हें ऊर्जा व साफ पानी मिले तथा सामाजिक व आर्थिक कारणों से किसी को शिक्षा लेने से न रोका जाऐ, भ्रष्टाचार, गरीबी और खासकर महिलाओं व बच्चों के साथ होने वाले अपराध न हों, वह ऐसे भारत की कल्पना करते हैं। उन्होंने खासकर बालिकाओं से निडर, ज्ञानवान, संस्कृतिनिष्ठ व सशक्त बनने का आह्वान किया और विश्वास दिलाया कि महिलाऐं सशक्त होंगी तो देश स्वत: विकसित राष्ट्र बन जाऐगा।
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