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बुधवार, 17 अप्रैल 2013

शोमैन को अखरा "थमा" सा पहाड़


  • राज्य का ध्यान "डेवलपमेंट" से अधिक "डील्स" पर 
  • सात वर्षो से "पॉज" की स्थिति में खड़ा है उत्तराखंड 
  • कहा- शौक को प्रोफेशन बनाएं युवा

नवीन जोशी नैनीताल। हिंदी फिल्म उद्योग के "शोमैन" सुभाष घई उत्तराखंड की सुंदरता में कसीदे पढ़ते हैं, लेकिन वह प्रदेश की व्यवस्थाओं से बेहद नाखुश हैं। सात वर्षो के बाद प्रदेश में लौटे घई कहते हैं कि उत्तराखंड इस अवधि में "पॉज" की स्थिति में (यानी जहां का तहां) खड़ा है ! वह कहते हैं कि फिल्में किसी भी राज्य की खूबसूरती को दुनिया के समक्ष प्रस्तुत करने और उसकी आर्थिकी, रोजगार व पर्यटन को बढ़ाने का बड़ा माध्यम हैं। इसलिए अनेक राज्य व अनेक देश फिल्मकारों को रियायतों की पेशकश करते हैं, लेकिन लगता है कि उत्तराखंड का ध्यान "डेवलपमेंट" से अधिक "डील्स" पर है। यहां शूटिंग महंगी पड़ती है। उत्तराखंड की सुंदरता, शांति उन्हें यहां खींच लाती है। 
श्री घई निजी हेलीकॉप्टर से अपनी फिल्म "कांची" के लिए लोकेशन तय करने यहां पहुंचे। इस दौरान नगर के एक होटल में वह मीडियाकर्मियों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने मीडियाकर्मियों से ही प्रश्न किया, "मैं सात वर्ष पूर्व (2005 में फिल्म किसना की शूटिंग के लिए) उत्तराखंड आया था, तब से उत्तराखंड को "प्रमोट करने" के लिए क्या किया गया है?", फिर स्वयं ही उन्होंने उत्तर भी दे डाला। कहा, कुछ नहीं किया, लगता है राज्य सात वर्षो से "पॉज" पर खड़ा है। उन्होंने कहा कि फिल्में "प्रमोशन" का बड़ा माध्यम होती हैं। स्विट्जरलैंड, फिजी, मैक्सिको सहित अनेक देश व मेघालय, नागालैंड सरीखे राज्य फिल्मकारों को अपने यहां शूटिंग करने पर 40 फीसद तक अनुदान के प्रस्ताव देने आते हैं। उत्तराखंड से ऐसी पेशकश नहीं होती। प्रदेश को फिल्मों की शूटिंग को बढ़ावा देने के लिए होटल, यातायात, संचार सुविधाएं बढ़ानी चाहिए। फिल्मों के लिए "विशेष सेल" की स्थापना की जा सकती है। उन्होंने कहा कि कांची फिल्म में वह स्थानीय प्रतिभाओं को मौका देंगे। युवाओं को उन्होंने संदेश दिया, अपने पैशन को प्रोफेशन बनाएं, तभी अपेक्षित प्रगति कर पाएंगे।

सोमवार, 5 नवंबर 2012

गैरसैंण के लिए टू-लेन हाई-वे बनाने की तैयारी भी शुरू


गैरसैंण और पहाड़ के दिन बहुरने शुरू 
एनएच-87 ज्योलीकोट से घिंघारीखाल तक 109 किमी हिस्से की फाइल दौड़ी 
नवीन जोशी नैनीताल। प्रदेश की स्थायी राजधानी के रूप में प्रदेशवासियों की पसंद बताये जाने वाले गैरसैंण के दिन बहुरने शुरू हो गये हैं। दो दिन पूर्व ही गैरसैंण में पहली बार राज्य कैबिनेट की ऐतिहासिक बैठक हुई थी और अब एक और खुशखबरी है कि गैरसैंण के लिए टू-लेन हाईवे की फाइल दौड़ने लगी है। पहले चरण में राष्ट्रीय राजमार्ग-87 की ज्योलीकोट से अल्मोड़ा होते हुए रानीखेत के पास घिंघारीखाल तक 109 किमी लंबी सड़क की चौड़ाई दोगुनी यानी टू-लेन होने जा रही है। बाद में इसके गैरसैंण तक जुड़ने का प्रस्ताव है। 
केंद्र सरकार के भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी ताजा अधिसूचना के अनुसार एनएच-87 के ज्योलीकोट से घिंघारीखाल तक के हिस्से को देश के अन्य राष्ट्रीय राजमागरे के साथ विस्तारित करने की योजना के तहत टू-लेन किया जाना है। इसके लिए करीब तीन दर्जन गांवों की सीमा की भूमि पर सड़क विस्तार के कार्य किए जाएंगे। इन कायरे के लिए नैनीताल एवं अल्मोड़ा जनपद के जिलाधिकारियों से सक्षम प्राधिकारियों का नाम मांग लिया गया है। गौरतलब है कि देश की राजधानी से कुमाऊं जल्द ही फोर लेन से जुड़ने जा रहा है। रामपुर से काठगोदाम के शेष बचे एनएच के हिस्से को फोर लेन करने का नोटिफिकेशन होने के बाद अब सड़क के लिए आवश्यक भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है और काठगोदाम से ज्योलीकोट का एनएच-87ई यानी नैनीताल आने वाली सड़क का हिस्सा पहले ही टू- लेन है, इसलिए ज्योलीकोट से घिंघारीखाल तक के 109 किमी हिस्से को टू-लेन के रूप में परिवर्तित करने की कवायद शुरू हो गई है। नैनीताल जनपद में अधिग्रहण के लिए जरूरी भूमि के चिह्नांकन का होमवर्क शुरू हो गया है। डीएम निधिमणि त्रिपाठी ने पूछे जाने पर कहा कि एनएच-87 के चौड़ीकरण के लिए जरूरी भूमि के अधिग्रहण की तैयारी की जा रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि मार्ग के टू-लेन हो जाने से पूरे कुमाऊं वासियों को लाभ होगा। साथ ही पर्यटन एवं विकास को भी पंख लग जाएंगे। गौरतलब है कि पहाड़ के राष्ट्रीय राजमागरे को टू- लेन करने का प्रस्ताव तत्कालीन केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने तैयार कर दिया था, लेकिन देर से ही सही यह प्रस्ताव अब फाइलों में दौड़ने लगा है

इन गांवों की सीमा में होगा चौड़ीकरण
नैनीताल। केंद्रीय भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी ताजा अधिसूचना के अनुसार नैनीताल के बलुवाखान चक देवलागढ़, चक गेठिया, कुरिया गांव, भवाली के सेनिटोरियम, कहलक्वीरा, मल्ला निगलाट, तल्ला निगलाट, हरतपा, बारगल, छड़ा, लोहाली, जौरासी, जोगी नौली, जोगी माड़े, मनर्सा, गंगोरी, गगरकोट, औलिया गांव, सुयालबाड़ी, सिर्सा, चोपड़ा व क्वारब, अल्मोड़ा के चौसली, बड़सिमी, देवली, खत्याड़ी, अल्मोड़ा नगर पालिका के बाहर बाईपास क्षेत्र, पांडेखोला, सुनौला मल्ला, सिमकुड़ी, अघेली सुनार, अघेली तेवाड़ी, सुनौला तल्ला, रैलाकोट, मटेला, लायम स्टेट फार्म हवालबाग, कटारमल, शौले, ज्यौली, स्यूना, क्वेराली, कयेला, गढ़वाली, कुरचौड़ा, तुस्यारी व सिमल्टा और रानीखेत के बबूरखोला, डीडा, तल्ली रियूनी, मल्ली रियूनी, नैणी व डडगल्या गांवों की सीमा में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-87 के विस्तार के लिए अपेक्षित कार्य होने हैं।