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गुरुवार, 23 अप्रैल 2015

कुमाऊंनी साहित्य व संस्कृति को बढ़ावा देगा केएमवीएन


Rashtriya Sahara, 24.04.2015

नैनीताल (एसएनबी)। कुमाऊं मंडल में पर्यटन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला केएमवीएन अब कुमाऊंनी साहित्य व संस्कृति को बढ़ाने का कार्य भी करेगा। निगम के उपाध्यक्ष वरिष्ठ कुमाऊंनी साहित्यकार गोपाल दत्त भट्ट ने कहा कि निगम पहले से ही अपने पर्यटक आवास गृहों में आने वाले देश भर के पर्यटकों को अनेक मौकों पर कुमाऊं के लजीज व्यंजन परोसता रहता है, आगे यहां कुमाऊं के लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकारों की कृतियों के जरिए यहां के साहित्य को तथा यहां के परिधान व संस्कृति के अन्य अंगों को सैलानियों के अवलोकन और प्रयोग के लिए रखने पर विचार किया जाएगा। 
भट्ट बृहस्पतिवार (23.04.2015) को टीआरएच सूखाताल में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 2013 की आपदा के बाद कुछ लोगों ने देश भर में उत्तराखंड के असुरक्षित होने का भ्रम फैलाया है। इधर विपक्ष अब भी यह भ्रम जारी रखने का कार्य कर रहा है, जबकि प्रदेश सरकार लगातार इस भ्रम को तोड़ने का कार्य कर रही है। आगे निगम देश भर में प्रदेश के पर्यटन के लिए सुरक्षित होने का प्रचार-प्रसार करेगा। गढ़वाल की तरह कुमाऊं के नानकमत्ता, पूर्णागिरि, रीठा साहिब, चंपावत, हाट कालिका, जागेश्वर, बागेश्वर, बैजनाथ, कोटभ्रामरी व द्योनाई से होते हुए कैंची आदि धार्मिक स्थलों को जोड़कर धार्मिक पर्यटन को बढ़ाने, अच्छा कार्य कर रहे नैनीताल, कौसानी व चौकोड़ी के टीआरएच का उच्चीकरण एवं घाटे में चल रहे टीआरएच को उबारने तथा अनछुवे पर्यटक स्थलों को चिह्नित कर वहां कॉटेज बनाकर स्थानीय युवकों को आवंटित करने आदि की योजनाएं उनके दिमाग में हैं, जिन्हें वह क्रियान्वित करने का प्रयास करेंगे।

शुक्रवार, 26 सितंबर 2014

जिम कोर्बेट की यादों से रूबरू होंगे सैलानी

विश्व पर्यटन दिवस पर जिम कोर्बेट लीगेसी ट्रेल यात्रा होगी आयोजित
नैनीताल (एसएनबी)। कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) के प्रबंध निदेशक ने ‘जिम कोर्बेट लीगेसी ट्रेल’ की एक नई परिकल्पना पेश की है, जिसे 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस पर शुरू किया जा रहा है। इस परिकल्पना के तहत निगम सैलानियों को 950 रुपये में प्रतिदिन प्रसिद्ध अंग्रेज शिकारी जिम कोर्बेट के जन्म स्थान नैनीताल और छोटी हल्द्वानी-कालाढुंगी के बीच उनकी यादों से जुड़े स्थानों की यात्रा कराई जाएगी। निर्धारित शुल्क में ही यात्रियों का आवागमन, विशेषज्ञ गाइड की सुविधा, दिन का भोजन, शाम का नास्ता और संबंधित दर्शनीय स्थलों के प्रवेश शुल्क व अन्य कर आदि शामिल होंगे। निगम के मंडलीय प्रबंधक पर्यटन डीके शर्मा ने बताया कि यात्रा की शुरुआत 27 सितम्बर को सुबह नौ बजे जिम कोर्बेट के प्रयासों से बने मल्लीताल स्थित बैंड स्टैंड से होगी। यहां से यात्रियों को स्विस होटल, कोर्बेट के घर गर्नी हाउस, कोर्बेट द्वारा नैनीताल से कालाढुंगी आने-जाने के लिए प्रयुक्त पैदल रास्ते-पोनी ट्रेल, घटगढ़, अरुंडेल, बौड़ नहर, काब्रेट का फार्म यार्ड व छोटी हल्द्वानी कालाढुंगी स्थित कोर्बेट संग्रहालय, कोर्बेट का मोती हाउस, छोटी हल्द्वानी के बाहर की बाउंड्री वाल, चौपाल व कोर्बेट की सिंगल बैरल की मजल लोडर बंदूक और कोर्बेट फॉल आदि के दर्शन भी कराए जाएंगे।

शनिवार, 11 जनवरी 2014

इटालियन-चाइनीज व्यंजन भी परोसेगा केएमवीएन

सैलानियों को रिझाने में जुटा केएमवीएन
नवीन जोशी नैनीताल। कुमाऊं मंडल विकास निगम लिमिटिड (केएमवीएन ) सैलानियों को रिझाने की कवायद में जुट गया है। सैलानियों को रिझाने के लिए निगम अपने रेस्ट हाउसों में कई सुविधाएं मुहैया करा रहा है। इनमें लजीज देसी-विदेशी व्यंजन के साथ ही सेवा कर में छूट भी शामिल है। निगम के इस प्रयासों के सकारात्मक परिणाम नजर आने लगे हैं।सैलानियों का रुझान नैनीताल और अन्य हिल स्टेशनों की ओर बढ़ा है। निगम को उम्मीद है कि इस वर्ष एडवेंचर टूरिज्म में भी बढ़ोतरी होगी। केएमवीएन के पूरे कुमाऊं भर में 40 टूरिस्ट रेस्ट हाउस (टीआरएच)हैं। इनकी बुकिंग आनलाइन होती है। हालांकि वर्ष 2012 के मुकाबले वर्ष 2013 में अक्टूबर से दिसम्बर तक निगम की आय कम रही है, इसके बावजूद दिसम्बर आखिरी और नये साल के पहले हफ्ते के परिणाम संतोषजनक रहे हैं। देश भर से सैकड़ों सैलानियों ने कुमाऊं के हिल स्टेशनों का रुख किया है। इस कारण निगम उत्साह में है। उसे उम्मीद है कि इस साल कुमाऊं में पर्यटन को अच्छा रिस्पांस मिलेगा। निगम सूत्रों के अनुसार सैलानियों को रिझाने के लिए टीआरएच में बुकिंग पर मार्च तक सेवा कर नहीं लिया जा रहा है। इसके अलावा सैलानियों की जरूरत के मुताबिक व्यंजन परोसने की व्यवस्था भी की गई है। सभी टीआरएच में स्थानीय लजीज व्यंजनों के साथ ही इटालियन और चाइनीज भी मिलेंगे।
टीआरएच में अक्सर बच्चे और युवा इटालियन व चाइनीज डिश न मिलने की शिकायत करते थे, इसलिए पिज्जा, बर्गर, पास्ता, पगेटी आदि इटालियन और मोमो, चाउमिन व थुप्पा आदि को मैन्यू में शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं। निगम स्थानीय व्यंजनों को भी आगे बढ़ाएगा। कुमाउनी झुंगरे की खीर को सभी टीआरएच में मीठे (डेजर्ट) में शामिल किया जा रहा है। 
-निगम के एमडी दीपक रावत 

एडवेंचर टूरिज्म से भी उम्मीद 
केएमवीएन को इस वर्ष मई-जून में एंडवेंचर टूरिज्म के बढ़ने की भी उम्मीद है। निगम अफसरों का कहना है कि आपदा के कारण सैलानियों ने पिंडारी, मिलम व आदि कैलास से दूरी बना ली थी। इस कारण एडवेंचर टूरिज्म को पिछले साल बहुत धक्का लगा था, लेकिन अब आदि कैलास को छोड़कर सभी एडवेंचर रूट सही हैं। आदि कैलास का रूट भी जौलजीवी से आगे खराब है, इसे ठीक कर दिया जाएगा। इसके बाद एडवेंचर टूरिज्म बढ़ने की उम्मीद है।  
कुमाऊं में मौजूद हिमालयन ट्रैक: पिंडारी, छोटा कैलास, मिलम, कफनी, सुंदरडूंगा, पंचाचूली हिल स्टेशन नैनीताल, रानीखेत, मुनस्यारी, बिनसर, चौकोड़ी, अल्मोड़ा, मुक्तेश्वर केएमवीएन का टीआरएच। 

मंगलवार, 7 जनवरी 2014

आठ जून से ही होगी कैलास मानसरोवर यात्रा

आपदा से आई दिक्कतों के बावजूद यथावत है कार्यक्रम 
पांच मार्च तक इस लिंक को क्लिक कर के कर सकते हैं ऑनलाइन आवेदन 
10 मार्च तक जमा करने होंगे सभी प्रपत्र
नैनीताल (एसएनबी)। दो देशों की सीमाओं में होने वाली अनूठी धार्मिक यात्रा कैलास मानसरोवर यात्रा बीते वर्ष आई दिक्कतों के बावजूद इस वर्ष भी तय कार्यक्रम के अनुसार होने जा रही है। विदेश मंत्रालय ने यात्रा की तिथियों और पैटर्न में कोई बदलाव नहीं किया है, जबकि पिछले साल कई बदलाव किए गए थे। विदेश मंत्रालय ने यात्रा का कलेंडर व अन्य ब्यौरा वेबसाइट पर जारी कर दिए हैं। यात्रा आठ जून से नौ सितंबर होगी। आगामी पांच मार्च तक यात्रा के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है और 10 मार्च तक आवेदन संबंधी आवश्यक प्रपत्र जमा करने होंगे। उल्लेखनीय है कि 2012 तक कैलाश मानसरोवर यात्रा 26 दिनों की होती थी, एक जून से प्रारंभ होकर सितंबर आखिर तक चलती थी और 16 दल ही यात्रा में जाते थे। पहली बार 2013 में इसकी अवधि चार दिन घटाकर 22 दिन कर दी गई थी। पिछले वर्ष यात्रा आठ जून से नौ सितंबर तक के लिए तय की गई थी। हालांकि प्रदेश में आई आपदा के बाद केवल एक ग्रुप के यात्री ही यात्रा पूरी कर पाए थे। विदेश मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार इस वर्ष की 22 दिनों की यात्रा आठ जून से नौ सितंबर तक होगी। यात्रा में 60-60 यात्रियों के 18 दल जाएंगे। शुल्क भी यथावत रखा गया है, यात्रा के लिए कुमाऊं मंडल विकास निगम को 32 हजार रपए और चीन सरकार को 901 डॉलर देने होंगे। केएमवीएन के एमडी दीपक रावत ने बताया कि यात्रा का कार्यक्रम कमोबेश पूरी तरह पिछले वर्ष का ही रखा गया है। वहीं निगम के मंडलीय प्रबंधक डीके शर्मा ने बताया कि यात्रा 12 जून को दिल्ली से चलकर अल्मोड़ा पहुंचेगी। यात्रा मार्ग में बदलाव नहीं किया गया है। पिछले वर्ष यात्रा पथ पर एक वर्ष पूर्व ही जुड़ा चौकोड़ी रात्रि पड़ाव हटा दिया गया था, वहीं चीन में बिताए जाने वाले तीन दिन भी कम कर दिए गए थे। पहले दल के यात्री अल्मोड़ा, धारचूला, सिरखा, गाला, बुदी, गुंजी (दो दिन-मेडिकल के लिए), नाभीढांग, तकलाकोट (दो दिन- चीन की औपचारिकताएं पूरी करने के लिए), चीन में दारचेन, जुनजुई पू, कुगू (दो दिन), वापस तकलाकोट, गुंजी, बुदी, गाला, धारचूला व जागेश्वर में रात्रि पड़ावों के साथ तीन जुलाई को वापस दिल्ली लौट जाएंगे।