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रविवार, 1 जून 2014

नैनीताल विधानसभा में केवल 30 बूथों पर ही मामूली अंतर से आगे रही कांग्रेस

-शेष 80 फीसद यानी 116 बूथों पर भाजपा प्रत्याशी कोश्यारी को मिली भारी बढ़त
नवीन जोशी, नैनीताल। आजादी के बाद से विशुद्ध रूप से केवल एक और संयुक्त क्षेत्र होने पर दो बार ही भाजपा के खाते में गई नैनीताल विधानसभा में कांग्रेस का हालिया लोक सभा चुनावों में कमोबेश पूरी तरह से सूपड़ा साफ हो गया लगता है। मोदी की आंधी में इस बार इस विधानसभा क्षेत्र के 146 में से करीब 20 फीसद यानी 30 सीटों पर ही कांग्रेस प्रत्याशी केसी सिंह बाबा कहीं दो से लेकर अधिकतम 132 वोटों की बढ़त ले पाए, जबकि भाजपा प्रत्याशी भगत सिंह कोश्यारी ने 80 फीसद यानी 116 बूथों से अपनी बढ़ी जीत की इबारत लिखी। 
आजादी के बाद से भााजपा के लिए नैनीताल विधानसभा में कालाढुंगी का बड़ा हिस्सा जुड़ा होने के उत्तराखंड बनने से पहले के दौर में बंशीधर भगत चुनाव जीते थे। तब भी वर्तमान नैनीताल विधानसभा के क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी कमोबेश पिछड़ते ही रहते थे। उत्तराखंड बनने के बाद भाजपा के खड़क सिंह बोहरा 2007 में कोटाबाग और कालाढुंगी क्षेत्र में बढ़त लेकर बमुश्किल यहां से चुनाव जीत पाए थे। 
बीते 2012 के विधानसभा चुनावों में यहां से चुनाव के कुछ दिन पहले ही प्रत्याशी घोषित हुईं, और चुनाव क्षेत्र में ठीक से पहुंच भी न पाईं सरिता आर्या ने 25,563 वोट प्राप्त कर पांच वर्ष से दिन-रात चुनाव की तैयारी में जुटे भाजपा प्रत्याशी हेम चंद्र आर्या को 6358 मतों के बड़े अंतर से हरा दिया था। लेकिन, दो वर्ष के भीतर ही हुए लोक सभा चुनावों में कांग्रेस यहां बुरी तरह से पस्त हो गई नजर आ रही है। यहां से कांग्रेस प्रत्याशी केवल 30 बूथों पर मामूली अंतर से भाजपा प्रत्याशी से आगे रह पाए हैं। उल्लेखनीय है कि नैनीताल विधानसभा में में भाजपा को 30,173 व कांग्रेस को 21,575 वोट मिले हैं और कांग्रेस 8,578 वोटों से पीछे रही है। इससे क्षेत्र के प्रभावी कांग्रेसी नेताओं के अपने बूथों पर प्रत्याशी को जिताने के दावों की कलई भी बुरी तरह से खुल गई है।

इन बूथों पर ही आगे रह पाए बाबा 

नैनीताल विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी केवल मल्ली सेठी, बेतालघाट, तौराड़, हल्सों कोरड़, रतौड़ा (दाड़िमा), तल्ली पाली, धूना (केवल दो मतों से), गरजोली, हरौली, ताड़ीखेत (13 मतों से), गौणा, ठुलीबांज, कफुड़ा, मल्लीताल सीआरएसटी कक्ष नंबर तीन व चार, राप्रावि मल्लीताल कक्ष नंबर तीन, अयारपाटा कक्ष नंबर दो (केवल नौ मतों से), मल्लीताल स्टेडियम, नारायणनगर, लोनिवि कार्यालय कक्ष नं. दो, राइंका तल्लीताल कक्ष एक (सर्वाधिक 168 मतों से), राइंका तल्लीताल कक्ष दो, गेठिया कक्ष दो, भूमियाधार (136 मतों से), छीड़ागांजा, ज्योलीकोट कक्ष एक (29 मतों से, कक्ष दो में 18 मतों से पीछे), पटुवाडांगर, गहलना (सिलमोड़िया), सौड़ व कुड़खेत में ही आगे रहे हैं। 

सरोवरनगरी में भी चली मोदी की आंधी

जिला व मंडल मुख्यालय नैनीताल हमेशा से कांग्रेस का परंपरागत गढ़ रहा है। किसी भी तरह के चुनावों के इतिहास में नैनीताल से कभी भी भाजपा प्रत्याशी कांग्रेस के मुकाबले आगे नहीं रहे हैं। एकमात्र 2004 में भाजपा प्रत्याशी विजय बंसल नैनीताल मंडल से आगे रहे थे, पर तब भी उनके आगे रहने में खुर्पाताल के ग्रामीण क्षेत्रों का योगदान रहा था। वर्तमान कांग्रेस विधायक सरिता आर्या नैनीताल की पालिकाध्यक्ष भी रही हैं, बावजूद वह अपने वोटों को मोदी की आंधी में उड़ने से नहीं रोक पाईं। भाजपा को नैनीताल नगर के 37 बूथों में इतिास में सर्वाधिक 9,154 वोट मिले हैं, जबकि कांग्रेस 7,021 वोटों के साथ 2,153 वोटों से पीछे रह गई है। नगर के नारायणनगर, हरिनगर, लोनिवि कार्यालय कक्ष नंबर 1 और मल्लीताल के कुछ मुस्लिम, दलित व कर्मचारी बहुल क्षेत्रों के केवल नौ बूथों पर ही कांग्रेस अपनी साख बचा पाई है। वहीं भाजपा ने नगर के राबाप्रावि मल्लीताल में 439 मत प्राप्त कर विधानसभा में सर्वाधिक 182 वोटों से बढ़त दर्ज की है।

गुरुवार, 10 अप्रैल 2014

नैनीताल से भाजपा-कांग्रेस जो भी जीतेगा, दोनों की होगी हैट-ट्रिक

बाबा व भाजपा को तीसरी जीत की चाहत
नवीन जोशी नैनीताल। नैनीताल लोकसभा सीट पर इस बार रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा। इस सीट पर यदि भाजपा जीतती है तो यह उसकी हैट्रिक होगी, और यदि कांग्रेस को जीत मिलती है तो यह केसी बाबा की लगातार तीसरी जीत होगी। भाजपा और कांग्रेस के अलावा यहां आम आदमी पार्टी भी दमदार उपस्थिति दर्ज करा रही है। ऐसे में इस सीट पर त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिल सकता है। नैनीताल सीट देश की राजनीति के दो धुरंधर नारायण दत्त तिवारी और केसी पंत की परम्परागत सीट रही है। नैनीताल में हमेशा ऐसा कुछ ना कुछ होता है कि इस सीट पर बड़े राजनीतिक शूरमाओं की प्रतिष्ठा जुड़ी होती है, फलस्वरूप देश-प्रदेश की इस सीट पर नजर रहती है। इस बार यहां मुख्य मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा प्रत्याशी भगत सिंह कोश्यारी व मौजूदा सांसद केसी बाबा के बीच है। इसके अलावा आम आदमी पार्टी के टिकट पर जनकवि बल्ली सिंह चीमा भी संसद पहुंचने की होड़ में शामिल हैं। लोकसभा क्षेत्र की 14 विधानसभा सीटों में से आठ में विपक्षी भाजपा के विधायकों और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष, तीन काबीना मंत्रियों और पूर्व सीएम का इसी क्षेत्र से होना भी इसे प्रदेश की वीवीआईपी सीटों में शुमार करती है। भाजपा यहां से जीतेगी, तो उसके लिए यह अब तक के संसदीय इतिहास की इस सीट से तीसरी जीत होगी, क्योंकि उनसे पहले केवल बलराज पासी और इला पंत ही भाजपा के टिकट पर चुनाव जीत पाए हैं। वहीं कांग्रेस जीती तो उसके प्रत्याशी के लिए भी यह व्यक्तिगत तौर पर लगातार व तीसरी जीत होगी। बसपा उम्मीदवार लईक अहमद भी मुकाबले में आने के लिए पूरा जोर लगाए हुए हैं।

शुक्रवार, 8 फ़रवरी 2013

सिडकुल में राज्य के बेरोजगारों को मिले सीधी नौकरी : बाबा


कहा, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद पर बदलाव की संभावना नहीं
नैनीताल (एसएनबी)। नैनीताल के सांसद केसी सिंह बाबा ने सिडकुल में राज्य के बेरोजगारों को सीधी नियुक्ति न देने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि ठेके या कांट्रेक्ट पर नौकरी में कोई भविष्य नहीं होता। वह सरकार से मांग करते हैं कि राज्य के बेरोजगारों को शासनादेश के अनुरूप 70 फीसद रोजगार सीधी भर्ती के जरिए मिले। उन्होंने सिडकुल की फैक्टरियों में ठीक से उत्पादन न होने व केवल डमी उत्पादन दर्शाए जाने को गंभीरता से लेते हुए स्वयं जायजा लेने की बात कही। प्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बदलाव की संभावनाओं से इनकार करते हुए उन्होंने उम्मीद जताई कि अध्यक्ष यथावत रहेंगे। 
शुक्रवार को कांग्रेस नगर अध्यक्ष के आवास पर आयोजित पत्रकार वार्ता में बाबा ने कहा कि गौला, कोसी आदि नदियों में एकमुश्त 10 वर्ष चुगान की अनुमति प्राप्त करना बड़ी जीत है। आगे काठगोदाम से मुंबई व चंडीगढ़ को तथा रामनगर से देहरादून के लिए सीधी ट्रेन चलाने, सितारगंज-किच्छा के बीच रेल लाइन का नया सर्वे कराने व काशीपुर से धामपुर तक रेल लाइन के लिए प्रयत्नशील हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राज मार्गों की मरम्मत का कार्य भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा करने के फैसले से दिक्कत आ रही है, समस्या के समाधान की कोशिश की जा रही है। सांसद निधि के वर्ष 2011-12 के प्रस्ताव पहले ही भेजे जा चुके हैं। देरी विभागीय स्तर पर हो रही है। प्रदेश का 67 फीसद घटाया गया मिट्टी तेल का कोटा बढ़ाने के लिए वे केंद्र से वार्ता करेंगे। महंगाई को बड़ी समस्या बताते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस मामले में गंभीर हैं। अगला लोस चुनाव लड़ने के बाबत उन्होंने कहा कि हर निर्णय स्वीकार्य होगा, वह हर हाल में 'बाबा' ही रहेंगे। पत्रकार वार्ता में सांसद प्रतिनिधिडा. हरीश बिष्ट, किशन लाल साह, सुरेश गुरुरानी, नगर अध्यक्ष मारुति साह व भगवती सुयाल आदि मौजूद रहे। 

कुमाऊं विवि को केंद्रीय विवि का दर्जा देने के पक्ष में नहीं सांसद 
सांसद केसी सिंह बाबा ने कहा कि मौजूदा कुमाऊं विवि को केंद्रीय विवि का दर्जा नहीं देना चाहिए। इस मामले में अपनी राय व्यक्त करते हुए बाबा ने कहा कि मौजूदा कुमाऊं विवि को यह दर्जा देने के बजाय नए विवि को यह दर्जा देना चाहिए। कुमाऊं विवि कर्मचारी संघ-कूटा के साथ ही कांग्रेस बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ कुमाऊं विवि को केंद्रीय दर्जा देने की मांग करते रहे हैं। कूटा महासचिव डा. ललित तिवारी ने कहा कि राज्य कैबिनेट के कुमाऊं विवि को ही केंद्रीय दर्जा देने का प्रस्ताव पारित करने के बाद अब इस मामले में विवाद नहीं होना चाहिए। गढ़वाल के बाद कुमाऊं विवि को यह दर्जा दिया जाना प्राकृतिक न्याय है।