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रविवार, 4 जनवरी 2015

क्या बहुरेंगे मुक्तेश्वर के दिन ?

कुमाऊं आयुक्त ने दीं सोलर स्ट्रीट लाइटें, कूड़ा निस्तारण और शौचालय के लिए प्रस्ताव बनाने के निर्देश
नैनीताल (एसएनबी)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विगत वर्ष मुख्यालय में आयोजित जिले के पर्यटन व्यवसायियों की बैठक में दूरस्थ पर्यटन स्थलों को विकसित करने और सैलानियों के लिए ढांचागत पर्यटन सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। सीएम की इस पहल से उत्साहित जनपद के पर्यटन स्थल मुक्तेश्वर के पर्यटन व्यवसायियों ने गत दिवस कुमाऊं आयुक्त अवनेंद्र सिंह नयाल से मिलकर अपनी देखभाल की सहभागिता की पेशकश करते हुए मुक्तेश्वर व निकटवर्ती अन्य पर्यटक स्थलों में सोलर स्ट्रीट लाइटें लगवाने, कूड़ा निस्तारण का प्रबंध करने और शौचालय का निर्माण कराने का अनुरोध किया। आयुक्त ने डीएम नैनीताल को मामला संदर्भित किया। मामले में पूर्व में जिला पंचायत निधि से मुक्तेश्वर के लिए इन सुविधाओं के लिए धनराशि स्वीकृत होने की बात प्रकाश में आई। लिहाजा डीएम दीपक रावत ने जिला पंचायत से इस बारे में आख्या मांगी है, जबकि जिला पंचायत की अपर मुख्य अधिकारी हिमाली जोशी पेटवाल ने पूर्व में स्वीकृत धनराशि से इन कायरे के विभिन्न कारणों से न हो पाने की स्थिति में धनराशि को अन्य कायरे में लगा देने की बात कही है। इससे सीएम की मंशा के पूरे होने और मुक्तेश्वर के दिन बहुरने पर संशय उत्पन्न हो गया है। जिला पंचायत की अपर मुख्य अधिकारी पेटवाल ने ‘राष्ट्रीय सहारा’ को बताया कि तत्कालीन डीएम अरविंद सिंह ह्यांकी के निर्देशों पर मुक्तेश्वर में शौचालय बनाने के लिए धनराशि स्वीकृत हुई थी, लेकिन लोनिवि द्वारा जरूरी मात्रा में भूमि उपलब्ध न करा पाने के कारण उस धनराशि का अन्य कायरे में सदुपयोग कर लिया गया। कहा कि अन्य सुविधाओं के लिए अभी कोई प्रस्ताव या धनराशि उपलब्ध नहीं है। जिला पंचायत बोर्ड की अगली बैठक में ही इस पर चर्चा हो सकती है।

::असर::सोलर लाइट से रोशन होगा मुक्तेश्वर

-जिला पंचायत ने उरेडा को भेजा प्रस्ताव, मुक्तेश्वर, भटेलिया व कसियालेख में लगेंगी पांच सोलर लाइटें
नैनीताल। 'राष्ट्रीय सहारा" ने बीती चार जनवरी को जनपद के मुक्तेश्वर पर्यटन स्थल में सुविधाओं की कमी पर 'क्या बहुरेंगे मुक्तेश्वर के दिन" शीर्षक से समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसका असर हुआ है। जिला पंचायत ने समाचार प्रकाशित होने के उपरांत मुक्तेश्वर के साथ ही इसके पास स्थित पर्यटन स्थलों, भटेलिया व कसियालेख में एक-एक सहित कुल पांच सोलर लाइटें लगाने का प्रस्ताव उरेडा को प्रेषित कर दिया है। जिला पंचायत की अपर मुख्य अधिकारी हिमाली जोशी पेटवाल ने 'राष्ट्रीय सहारा"  को बताया कि जिला पंयायत अध्यक्ष यशोदा प्रसाद की स्वीकृति के क्रम में उन्हीं की १३वें वित्त आयोग की निधि से मुक्तेश्वर, भटेलिया व कसियालेख के लिए पांच सोलर लाइटों की मंजूरी दे दी है। एक सोलर लाइट करीब २० हजार रुपए की होगी, इस प्रकार कुल एक लाख रुपए के खर्च का अनुमान है।

शुक्रवार, 26 सितंबर 2014

जिम कोर्बेट की यादों से रूबरू होंगे सैलानी

विश्व पर्यटन दिवस पर जिम कोर्बेट लीगेसी ट्रेल यात्रा होगी आयोजित
नैनीताल (एसएनबी)। कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) के प्रबंध निदेशक ने ‘जिम कोर्बेट लीगेसी ट्रेल’ की एक नई परिकल्पना पेश की है, जिसे 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस पर शुरू किया जा रहा है। इस परिकल्पना के तहत निगम सैलानियों को 950 रुपये में प्रतिदिन प्रसिद्ध अंग्रेज शिकारी जिम कोर्बेट के जन्म स्थान नैनीताल और छोटी हल्द्वानी-कालाढुंगी के बीच उनकी यादों से जुड़े स्थानों की यात्रा कराई जाएगी। निर्धारित शुल्क में ही यात्रियों का आवागमन, विशेषज्ञ गाइड की सुविधा, दिन का भोजन, शाम का नास्ता और संबंधित दर्शनीय स्थलों के प्रवेश शुल्क व अन्य कर आदि शामिल होंगे। निगम के मंडलीय प्रबंधक पर्यटन डीके शर्मा ने बताया कि यात्रा की शुरुआत 27 सितम्बर को सुबह नौ बजे जिम कोर्बेट के प्रयासों से बने मल्लीताल स्थित बैंड स्टैंड से होगी। यहां से यात्रियों को स्विस होटल, कोर्बेट के घर गर्नी हाउस, कोर्बेट द्वारा नैनीताल से कालाढुंगी आने-जाने के लिए प्रयुक्त पैदल रास्ते-पोनी ट्रेल, घटगढ़, अरुंडेल, बौड़ नहर, काब्रेट का फार्म यार्ड व छोटी हल्द्वानी कालाढुंगी स्थित कोर्बेट संग्रहालय, कोर्बेट का मोती हाउस, छोटी हल्द्वानी के बाहर की बाउंड्री वाल, चौपाल व कोर्बेट की सिंगल बैरल की मजल लोडर बंदूक और कोर्बेट फॉल आदि के दर्शन भी कराए जाएंगे।

रविवार, 9 मार्च 2014

नैनीताल में बुलेट टैक्सी के ’नरेश‘


नवीन जोशी, नैनीताल। आपने बस, रेल, टैम्पो, टैक्सी और हवाई जहाज से सफर किया होगा। पर्यटक स्थलों पर कदाचित ‘रोपवे’ का आनंद भी उठाया हो। इसके बाद भी आपने ‘बुलेट टैक्सी’ के बारे में शायद ही देखा-सुना हो। सरोवरनगरी में सामान्य सी दिखने वाली बुलेट मोटरसाइकिल पर सवार व्यक्ति सवारियां ढोते देख सैलानी अंचभित हो जाते हैं मगर स्थानीय लोगों के लिए यह नजारा आम हैं। वे एक से दूसरे स्थान जाने के लिए नरेश की बुलेट टैक्सी का बखूबी इस्तेमाल करते हैं।
अंग्रेजी शासन में नैनीताल में डांडियों का प्रचलन था। दो-चार लोग डोलीनुमा डांडियों को कंधे पर उठाकर ले जाते थे। समय बदला तो डांडियों की जगह साइकिल रिक्शा ने ले ली। मुश्किल यह थी कि साइकिल रिक्शा केवल नगर की समतल सड़क पर चल पाते थे। कार-टैक्सियां जरूर लोगों को शहर में घुमा सकती हैं मगर इनका किराया बहुत है। स्थानीय युवक नरेश बिष्ट ने इसका हल ढूंढा। उसने 2007 में बेरोजगारों के लिए मिलने वाली ऋ ण योजना से 76 हजार रुपये का लोन लिया और बुलेट मोटरसाइकिल खरीदी। मोटरसाइकिल के लिए टैक्सी का लाइसेंस लिया और मोटरसाइकिल को बुलेट टैक्सी के रूप में तब्दील कर उससे लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने लगा। शुरुआती दिक्कतों के बाद नरेश ने साढ़े तीन साल में मोटरसाइकिल का लोन चुकता कर दिया। आज बुलेट टैक्सी उसके परिवार की आजीविका है। नरेश तल्लीताल से मल्लीताल तक मामूली किराये पर मिनटों में लोगों को गंतव्य तक पहुंचा देता है। उसके पास नियमित 40-50 सवारियां हैं। सैलानी भी नरेश की बुलेट टैक्सी का प्रयोग करते हैं। शहर में नरेश की अच्छी पहचान बन गई है। उसे सवारियों की तलाश नहीं करनी पड़ती वरन लोग उसे फोन करके बुलाने लगे हैं। लोगों को मालूम हैं कि वह कब और कहां मिलेगा। अक्सर उसका रूट तय होता है। एक सवारी लेकर वह रिक्शा स्टैंड से जिला कलक्ट्रेट रवाना होता है। वहां उसे हाईकोर्ट जाने के लिए सवारी तैयार मिलती है। उसे लेकर हाईकोर्ट पहुंचता है। वहां मल्लीताल, तल्लीताल व बिड़ला जाने के लिए सवारियां इंतजार में होती हैं। इस प्रकार वह ऑफ सीजन में 300-400 व सीजन में 700-800 रुपये कमा लेता है। शहर में जहां सभी मोटरसाइकिलें पेट्रोल पीती हैं, वहीं रमेश की मोटरसाइकिल रुपये उगलती है। इस तरह नरेश युवाओं के लिए प्रेरणा स्रेत बन गया है। उसकी देखा-देखी कई अन्य युवा भी बुलेट टैक्सी लेने के इच्छुक दिखाई दे रहे हैं। नरेश का कहना है कि मेहनत करने में शर्म नहीं होनी चाहिए। यही सफलता का राज है।

रविवार, 19 जनवरी 2014

सरोवरनगरी में बिछी 'चांदी की चादर', सैलानियों का उमड़ा मेला

सरोवरनगरी में सैलानियों ने उठाया मौसम का लुत्फ
नैनीताल (एसएनबी)। पहाड़ों पर शनिवार को हुई बर्फवारी का असर रविवार को सरोवरनगरी में सैलानियों के मेले के रूप में देखने को मिला। नजदीकी यूपी एवं दिल्ली से आए सैलानियों से नगर में मेले जैसा माहौल दिखाई दिया। नगर में सुबह से ही अच्छी धूप खिली, जिससे मौसम खुशनुमा रहा। इसके साथ ही नगर में आम जनजीवन भी पटरी पर लौटने लगा। अधिकांश क्षेत्रों में बिजली और पानी की सेवाएं भी बहाल हो गई हैं। अलबत्ता, अपराह्न तक बादल वापस आसमान में घिर आए, और मौसम विभाग के अनुसार तापमान अधिकतम 3.4 एवं न्यूनतम 1.2 डिग्री सेल्सियस तक लुड़क गया। उल्लेखनीय है कि पहाड़ों पर शुक्रवार से बदले मौसम के तहत शनिवार को अच्छी खासी बर्फवारी हुई थी, और समूचे नगर में तीन इंच से लेकर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आधा फीट तक बर्फवारी हुई। 






शनिवार को शाम को ही बर्फवारी रुक गई थी,और इसके बाद आसमान धीरे-धीरे साफ होता चला गया। बर्फवारी होने की जानकारी मिलने पर नजदीकी मैदानी क्षेत्रों के सैलानी नैनीताल में उमड़ आए, और उन्हें बर्फ से खेलने के लिए ऊंचे क्षेत्रों में भी नहीं जाना पड़ा। माल रोड, पालिका गार्डन सहित अन्य पाकरे में भी सैलानी एक-दूसरे पर बर्फ के गोले दाग कर खूब आनंद लेते रहे। अलबत्ता, नगर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सीसी मागरे पर बर्फ की वजह से फिसलन होने की वजह से अनेक लोग कार्य पर नहीं आ पाए, और जनजीवन कुछ हद तक प्रभावित रहा। दिन भर छतों से बर्फ के धूप में पिघल कर गिरने से बाजारों में बारिश जैसा माहौल रहा। बारिश- बर्फवारी को फसलों और शाक-सब्जी व फलों के लिए लाभदायक माना जा रहा है।

शनिवार, 11 जनवरी 2014

इटालियन-चाइनीज व्यंजन भी परोसेगा केएमवीएन

सैलानियों को रिझाने में जुटा केएमवीएन
नवीन जोशी नैनीताल। कुमाऊं मंडल विकास निगम लिमिटिड (केएमवीएन ) सैलानियों को रिझाने की कवायद में जुट गया है। सैलानियों को रिझाने के लिए निगम अपने रेस्ट हाउसों में कई सुविधाएं मुहैया करा रहा है। इनमें लजीज देसी-विदेशी व्यंजन के साथ ही सेवा कर में छूट भी शामिल है। निगम के इस प्रयासों के सकारात्मक परिणाम नजर आने लगे हैं।सैलानियों का रुझान नैनीताल और अन्य हिल स्टेशनों की ओर बढ़ा है। निगम को उम्मीद है कि इस वर्ष एडवेंचर टूरिज्म में भी बढ़ोतरी होगी। केएमवीएन के पूरे कुमाऊं भर में 40 टूरिस्ट रेस्ट हाउस (टीआरएच)हैं। इनकी बुकिंग आनलाइन होती है। हालांकि वर्ष 2012 के मुकाबले वर्ष 2013 में अक्टूबर से दिसम्बर तक निगम की आय कम रही है, इसके बावजूद दिसम्बर आखिरी और नये साल के पहले हफ्ते के परिणाम संतोषजनक रहे हैं। देश भर से सैकड़ों सैलानियों ने कुमाऊं के हिल स्टेशनों का रुख किया है। इस कारण निगम उत्साह में है। उसे उम्मीद है कि इस साल कुमाऊं में पर्यटन को अच्छा रिस्पांस मिलेगा। निगम सूत्रों के अनुसार सैलानियों को रिझाने के लिए टीआरएच में बुकिंग पर मार्च तक सेवा कर नहीं लिया जा रहा है। इसके अलावा सैलानियों की जरूरत के मुताबिक व्यंजन परोसने की व्यवस्था भी की गई है। सभी टीआरएच में स्थानीय लजीज व्यंजनों के साथ ही इटालियन और चाइनीज भी मिलेंगे।
टीआरएच में अक्सर बच्चे और युवा इटालियन व चाइनीज डिश न मिलने की शिकायत करते थे, इसलिए पिज्जा, बर्गर, पास्ता, पगेटी आदि इटालियन और मोमो, चाउमिन व थुप्पा आदि को मैन्यू में शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं। निगम स्थानीय व्यंजनों को भी आगे बढ़ाएगा। कुमाउनी झुंगरे की खीर को सभी टीआरएच में मीठे (डेजर्ट) में शामिल किया जा रहा है। 
-निगम के एमडी दीपक रावत 

एडवेंचर टूरिज्म से भी उम्मीद 
केएमवीएन को इस वर्ष मई-जून में एंडवेंचर टूरिज्म के बढ़ने की भी उम्मीद है। निगम अफसरों का कहना है कि आपदा के कारण सैलानियों ने पिंडारी, मिलम व आदि कैलास से दूरी बना ली थी। इस कारण एडवेंचर टूरिज्म को पिछले साल बहुत धक्का लगा था, लेकिन अब आदि कैलास को छोड़कर सभी एडवेंचर रूट सही हैं। आदि कैलास का रूट भी जौलजीवी से आगे खराब है, इसे ठीक कर दिया जाएगा। इसके बाद एडवेंचर टूरिज्म बढ़ने की उम्मीद है।  
कुमाऊं में मौजूद हिमालयन ट्रैक: पिंडारी, छोटा कैलास, मिलम, कफनी, सुंदरडूंगा, पंचाचूली हिल स्टेशन नैनीताल, रानीखेत, मुनस्यारी, बिनसर, चौकोड़ी, अल्मोड़ा, मुक्तेश्वर केएमवीएन का टीआरएच। 

शुक्रवार, 3 जनवरी 2014

नैना पीक तक पहुंची बिजली

मैदानों में कोहरा, पहाड़ों पर खिली धूप: शुक्रवार से जहां तराई-भाबर के मैदानी क्षेत्रों में पूरे दिन घना कोहरा छाने से कड़ाके की ठंड रही, इसके उलट सरोवरनगरी सहित पहाड़ों पर आसमान में बादलों का एक कतरा भी नहीं था, और यहां पूरे दिन चटख धूप खिली रही।
चित्र : नवीन जोशी

नैना पीक तक जाने वाला तीन किमी मार्ग भी स्ट्रीट लाइट से जगमगाएगा
नैना पीक स्थित वन विभाग का रिपीटर सेंटर 
नैनीताल (एसएनबी)। रात में नैना पीक जाकर सरोवरनगरी की खूबसूरती को निहारने के शौकीन पर्यटकों के लिए खुशखबरी है। नैना पीक तक बिजली पहुंच गई है। इससे वहां वन विभाग के रिपीटर सेंटर के कक्ष में बिजली के बल्ब जलने लगे हैं। जल्द ही रिपीटर सेंटर के वायरलैस व अन्य उपकरणों को बिजली से जोड़ने की तैयारी चल रही है तथा भविष्य में बिजली से किलबनी रोड स्थित नैना चुंगी से नैना पीक जाने वाले करीब तीन किमी मार्ग को स्ट्रीट लाइट से जगमगाने की योजना भी है। इससे रात में भी सैलानी सुरक्षित तरीके से नैना पीक तक आवाजाही कर सकेंगे। नैना पीक सरोवरनगरी का सर्वाधिक ऊंचाई वाला 2611 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां से नैनीताल नगर के साथ ही तराई-भाबर के सैकड़ों किमी दूर के स्थानों और हिमालय पर्वत की 365 किमी से अधिक लंबाई में बदरीनाथ-केदारनाथ से लेकर नेपाल की एपी श्रृंखला की चोटियों के नजारे लिये जा सकते हैं। कई मौकों पर सैलानी व साहसिक पर्यटन के शौकीन रात्रि में बिजली की रोशनी से जगमगाते नैनीताल तथा दूर-दूर के पहाड़ों और मैदानों के नजारे लेने व फोटो खींचने के लिए यहां आते हैं। घना जंगल होने की वजह से यहां रात्रि में वन्य जीवों के हमले का खतरा रहता है। बिजली की रोशनी हो जाने से भविष्य में इस स्थान का आवागमन बेहद सुविधाजनक हो सकता है। इस स्थान पर वन विभाग का प्रदेश के गिने-चुने रिपीटर सेंटरों में से एक स्थित है, जिसकी मदद से पूरे कुमाऊं तथा आंशिक रूप से गढ़वाल में भी लीसे के इधर-उधर संचरण, वनाग्नि की घटनाओं आदि पर वायरलेस की मदद से नजर रखी जाती है। वन क्षेत्राधिकारी प्रकाश जोशी ने बताया कि इसी के लिए बिजली नैना पीक पर पहुंचाई गई है, जल्द ही कार्यदायी संस्था रिपीटर सेंटर के उपकरणों को विद्युत आपूर्ति से जोड़ने जा रही है। वहीं विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता शेखर त्रिपाठी ने बताया कि बिजली की लाइन नैना पीक जाने वाले पैदल मार्ग से ही होकर गुजारी गई है। शीघ्र ही इस पर स्ट्रीट लाइट लगाने की भी योजना है। 

सोमवार, 5 नवंबर 2012

गैरसैंण के लिए टू-लेन हाई-वे बनाने की तैयारी भी शुरू


गैरसैंण और पहाड़ के दिन बहुरने शुरू 
एनएच-87 ज्योलीकोट से घिंघारीखाल तक 109 किमी हिस्से की फाइल दौड़ी 
नवीन जोशी नैनीताल। प्रदेश की स्थायी राजधानी के रूप में प्रदेशवासियों की पसंद बताये जाने वाले गैरसैंण के दिन बहुरने शुरू हो गये हैं। दो दिन पूर्व ही गैरसैंण में पहली बार राज्य कैबिनेट की ऐतिहासिक बैठक हुई थी और अब एक और खुशखबरी है कि गैरसैंण के लिए टू-लेन हाईवे की फाइल दौड़ने लगी है। पहले चरण में राष्ट्रीय राजमार्ग-87 की ज्योलीकोट से अल्मोड़ा होते हुए रानीखेत के पास घिंघारीखाल तक 109 किमी लंबी सड़क की चौड़ाई दोगुनी यानी टू-लेन होने जा रही है। बाद में इसके गैरसैंण तक जुड़ने का प्रस्ताव है। 
केंद्र सरकार के भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी ताजा अधिसूचना के अनुसार एनएच-87 के ज्योलीकोट से घिंघारीखाल तक के हिस्से को देश के अन्य राष्ट्रीय राजमागरे के साथ विस्तारित करने की योजना के तहत टू-लेन किया जाना है। इसके लिए करीब तीन दर्जन गांवों की सीमा की भूमि पर सड़क विस्तार के कार्य किए जाएंगे। इन कायरे के लिए नैनीताल एवं अल्मोड़ा जनपद के जिलाधिकारियों से सक्षम प्राधिकारियों का नाम मांग लिया गया है। गौरतलब है कि देश की राजधानी से कुमाऊं जल्द ही फोर लेन से जुड़ने जा रहा है। रामपुर से काठगोदाम के शेष बचे एनएच के हिस्से को फोर लेन करने का नोटिफिकेशन होने के बाद अब सड़क के लिए आवश्यक भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है और काठगोदाम से ज्योलीकोट का एनएच-87ई यानी नैनीताल आने वाली सड़क का हिस्सा पहले ही टू- लेन है, इसलिए ज्योलीकोट से घिंघारीखाल तक के 109 किमी हिस्से को टू-लेन के रूप में परिवर्तित करने की कवायद शुरू हो गई है। नैनीताल जनपद में अधिग्रहण के लिए जरूरी भूमि के चिह्नांकन का होमवर्क शुरू हो गया है। डीएम निधिमणि त्रिपाठी ने पूछे जाने पर कहा कि एनएच-87 के चौड़ीकरण के लिए जरूरी भूमि के अधिग्रहण की तैयारी की जा रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि मार्ग के टू-लेन हो जाने से पूरे कुमाऊं वासियों को लाभ होगा। साथ ही पर्यटन एवं विकास को भी पंख लग जाएंगे। गौरतलब है कि पहाड़ के राष्ट्रीय राजमागरे को टू- लेन करने का प्रस्ताव तत्कालीन केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने तैयार कर दिया था, लेकिन देर से ही सही यह प्रस्ताव अब फाइलों में दौड़ने लगा है

इन गांवों की सीमा में होगा चौड़ीकरण
नैनीताल। केंद्रीय भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी ताजा अधिसूचना के अनुसार नैनीताल के बलुवाखान चक देवलागढ़, चक गेठिया, कुरिया गांव, भवाली के सेनिटोरियम, कहलक्वीरा, मल्ला निगलाट, तल्ला निगलाट, हरतपा, बारगल, छड़ा, लोहाली, जौरासी, जोगी नौली, जोगी माड़े, मनर्सा, गंगोरी, गगरकोट, औलिया गांव, सुयालबाड़ी, सिर्सा, चोपड़ा व क्वारब, अल्मोड़ा के चौसली, बड़सिमी, देवली, खत्याड़ी, अल्मोड़ा नगर पालिका के बाहर बाईपास क्षेत्र, पांडेखोला, सुनौला मल्ला, सिमकुड़ी, अघेली सुनार, अघेली तेवाड़ी, सुनौला तल्ला, रैलाकोट, मटेला, लायम स्टेट फार्म हवालबाग, कटारमल, शौले, ज्यौली, स्यूना, क्वेराली, कयेला, गढ़वाली, कुरचौड़ा, तुस्यारी व सिमल्टा और रानीखेत के बबूरखोला, डीडा, तल्ली रियूनी, मल्ली रियूनी, नैणी व डडगल्या गांवों की सीमा में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-87 के विस्तार के लिए अपेक्षित कार्य होने हैं।


शनिवार, 19 मई 2012

कुमाऊं की सैर में अब रोमांच के ज्यादा मौके


नवीन जोशी, नैनीताल। साहसिक खेलों की अपार संभावनाओं वाले कुमाऊं मंडल में आने वाले सैलानी अब यहां प्राकृतिक सौंदर्य के साथ साहसिक पर्यटन का आनंद भी उठा पाएंगे। मंडल में पर्यटन गतिविधियों का सर्वप्रमुख उपक्रम कुमाऊं मंडल विकास निगम- केएमवीएन मंडल में जल, थल के साथ ही वायु संबंधी हर तरह के साहसिक खेलों का आयोजन करने की नयी कार्ययोजना तैयार कर रहा है। केएमवीएन साहसिक खेलों को अपने पर्यटन कलेंडर में शामिल करने की योजना बना रहा है। 
Hot Air Ballooning in Nainital, Flat Ground (1890)
निगम वर्तमान में कैलाश मानसरोवर यात्रा के साथ ही छोटा कैलाश यानी ऊं पर्वत तथा पिंडारी, सुंदरढूंगा, काफनी, मिलम व पंचाचूली के लिए ट्रैकिंग कराता है। निगम ने मुनस्यारी में स्नो स्कीइंग के प्रबंध किये हैं, साथ ही रामेश्वर घाट में वाटर राफ्टिंग व मत्स्य आखेट, पंचेश्वर में एंगलिंग व भीमताल में कयाकिंग, केनोइंग जैसी जल क्रीड़ाएं व नौकुचियाताल में पैराग्लाइडिंग कराई जाती है। उल्लेखनीय है कि निगम ने अभी हाल में 44.33 करोड़ रुपये का ‘मेगा सर्किट प्रपोजल ऑन एडवेंचर टूरिज्म’ प्रोजेक्ट तैयार किया है, जिसका अभी हाल में केंद्र सरकार के पर्यटन सचिव आरएच ख्वाजा निरीक्षण कर चुके हैं। मंडल में साहसिक पर्यटन की अपार संभावनाओं को उपयोगी बनाने के लिए तथा इस प्रोजेक्ट पर अपनी ओर से तैयारियां शुरू होने जा रही हैं। कुमाऊं मंडल विकास निगम के नये प्रबंध निदेशक दीपक रावत ने बताया कि आगे निगम की योजना हवा में पैराग्लाइडिंग, हॉट एयर बैलूनिंग, यहां की झीलों में कयाकिंग, केनोइंग तथा जमीन पर परंपरागत ट्रैकिंग के साथ ही माउंटेनियरिंग, स्नो स्कीइंग जैसे रोमांचक साहसिक खेल के इच्छुक सैलानियों के लिए उपलब्ध कराएंगे। इसकी विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाएगी। 

यहां प्रस्तावित हैं साहसिक खेल 
नैनीताल में गर्म हवा के गुब्बारों पर उड़ान 
बागेश्वर में नये हीरामणि ग्लेशियर में ट्रैकिंग 
सिनला पास, दारमा वैली व पंचाचूली बेस तथा मिलम, नंदादेवी बेस के नये ट्रेकिंग सर्किट 
मुनस्यारी में स्नो स्कीइंग 
बिंता-द्वाराहाट व पिंडारी रूट के धाकुड़ी में पैराग्लाइडिंग 
भिकियासैंण के त्यूराचौड़ा व हरिपुरा में जल क्रीड़ा