रविवार, 28 दिसंबर 2014

भुखमरी के कगार पर पहुंची फड़ विक्रेता का आत्मदाह का प्रयास!


एसडीएम ने मौके पर पहुंचकर समझाया, सोमवार को 11 बजे वार्ता के लिए बुलाया
नैनीताल (एसएनबी)। बीते तीन-चार माह से पालिका-प्रशासन की कड़ी निगहबानी की वजह से फड़ वाले फड़ नहीं लगा पा रहे हैं। इस कारण कई भुखमरी की स्थिति में पहुंच गए हैं। रविवार को पालिका कर्मियों के फड़ हटाने को छापेमारी करने के दौरान कथित तौर पर एक महिला फड़ विक्रेता ने मिट्टी का तेल छिड़क कर आत्मदाह का प्रयास किया। पुलिस से सूचना मिलने पर एसडीएम आशीष चौहान मौके पर पहुंचे और फड़ वालों को सोमवार सुबह 11 बजे अपने कार्यालय में बातचीत के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने हाईकोर्ट के आदेशों व फड़ वालों की समस्याओं के बीच कोई संभव हल निकालने का विास दिलाया। 
उल्लेखनीय है कि फड़ वालों एवं पालिका-प्रशासन कर्मियों के बीच तकरार जारी है। प्रशासन हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए फड़ वालों को मल्लीताल पंत पार्क से गुरुद्वारे तक के क्षेत्र में न बैठने देने के लिए पालिका कर्मियों से पहरेदारी करा रहा है, जबकि फड़ वाले भी बाज आने को तैयार नहीं हैं। मौका देखते ही वे फड़ सजा लेते हैं। इस दौरान पालिका कर्मियों के आ जाने पर अफरा-तफरी मचती है। फड़ वाले अपना सामान लेकर भागते हैं और पालिका कर्मी उनका सामान जब्त कर लेते हैं। कई बार दोनों के बीच गंभीर झड़पें भी होती हैं। रविवार अपराह्न फड़ वालों ने मौका देख फड़ लगाए थे, मगर इसी दौरान पालिका कर्मियों के आ धमकने से उनके बीच झड़प की स्थिति बन गई। इसी दौरान एक महिला फड़ विक्रेता ने कपड़ों पर मिट्टी का तेल छिड़क लिया। इससे अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई। मल्लीताल कोतवाल टीआर वर्मा को सूचना मिली तो उन्होंने एसडीएम आशीष चौहान को बताया। आशीष चौहान मौके पर पहुंचे और फड़ वालों को समझाया। फड़ वालों के नेता जमीर अहमद का कहना था कि उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति है। एसडीएम ने हाईकोर्ट के आदेशों के परिपालन को प्रशासन की जिम्मेदारी बताते हुए सोमवार को मामले का हल निकालने का आश्वासन दिया। कोतवाल को पड़ी फटकार : आत्मदाह की सूचना पर एसडीएम आशीष चौहान के मौके पर पहुंचने के दौरान पास ही स्थित मल्लीताल कोतवाली का एक भी पुलिस अधिकारी या जवान मौके पर नहीं था। इस पर एसडीएम ने नगर कोतवाल टीआर वर्मा को पुलिस की गैर मौजूदगी पर कड़ी फटकार लगाई।

जानवरों की तरह भिखारियों को भेजा था लालकुआं

उल्लेखनीय है कि गत दिवस नगर पालिका ने अपने वाहन में नगर में भीख मांगकर करीब एक दर्जन भिखारियों को जानवरों की तरह भरकर लालकुआं छुड़वा दिया था, और निर्लज्जता के साथ बकायदा इसके फोटो भी खिंचवाए थे। मानवता को शर्मसार करने वाली इस घटना पर उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने भी एक अधिवक्ता की जनहित याचिका पर संज्ञान लेते हुए पालिका का जवाब-तलब किया है।

शनिवार, 20 दिसंबर 2014

नये वर्ष 2015 का जश्न 28 से ही हो जाएगा शुरू

नैनीताल (एसएनबी)। पर्यटननगरी सरोवरनगरी में नए वर्ष के स्वागत के लिए बनी संशय की स्थिति पर छाया कुहासा छट गया है। नगर में नए वर्ष के स्वागत के लिए जोरदार जश्न का कार्यक्रम होगा। इसके लिए 28 दिसम्बर से ही नगर नैनी झील के चारों ओर व खास कर माल रोड को बिजली की लड़ियों से जगमगाया जाएगा और यह सिलसिला नए वर्ष की एक जनवरी तक जारी रहेगा। इस दौरान सैलानियों की सुरक्षा के लिए पूरे प्रबंध किए जाएंगे। खासकर यातायात को सुचारु रखने एवं नए वर्ष के स्वागत जश्न में नशा बिघ्न न डाल दे, इसके प्रबंध किए जाएंगे। मुख्यालय आने वाली तीनों सड़कों-हल्द्वानी, भवाली व कालाढुंगी पर दोपहिया वाहनों पर दोहरी नजर रखी जाएगी। 31 को बिना उचित प्रपत्रों एवं नशीले पदार्थो के सेवन के साथ नैनीताल नहीं आने दिया जाएगा। नगर में हर चौराहे व भीड़भाड़ के स्थान पर अतिरिक्त संख्या में पुलिस कर्मी तैनात रहेंगे, और खासकर शराब पीकर हुड़दंग करने वाले लोगों पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। नैनीताल होटल रेस्टोरेंट एसोसिएशन की पुलिस के साथ बैठक में यह बातें तय हुई। पुलिस ने अपनी ओर से यह आश्वासन दिए, वहीं होटलियर्स से भी सीसीटीवी कैमरे लगाकर तथा खासकर युगलों पर दोनों के आईडी लेने आदि प्रबंधों के साथ विशेष नजर रखकर सहयोग करने की अपील की। बैठक में एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश चंद्र साह, सचिव राजेश साह, महेंद्र बिष्ट, ओम प्रकाश वैद, बृज साह, वेद साह, रमनदीप सिंह, दीप साह, हरीश साह, आलोक साह व कमल जगाती तथा एएसपी श्वेता चौबे व सीओ हरीश चंद्र सती आदि लोग उपस्थित रहे। 

कुमाऊं चेप्टर बनाने पर बनी सहमति : 

नैनीताल होटल रेस्टोरेंट एसोसिएशन की बैठक के बाद पत्रकार वार्ता में बताया गया कि एसोसिएशन का पूरे कुमाऊं मंडल में विस्तार कर इसे कुमाऊं चेप्टर का स्वरूप देने पर सहमति हुई है। बताया गया कि बैठक में में रामनगर व भीमताल के होटलियर प्रतिनिध भी उपस्थित थे, जबकि रुद्रपुर, अल्मोड़ा, कौसानी आदि से इस बारे में विचार आए थे। शीघ्र इस पर कार्य शुरू किया जाएगा। 

प्रधान पतियों के ठेंगे पर सरकारी फरमान


महिला जनप्रतिनिधियों ने कहा लगातार हों पंचायतों, बीडीसी की बैठकें, मिले मानदेय
नैनीताल (एसएनबी)। महिला जनप्रतिनिधियों ने बताया कि अब सरकारी फरमान के बाद पंचायतों एवं बीडीसी बैठकों में प्रधानपतियों का बैठकों में तो प्रवेश रुक गया है, लेकिन अब भी वह अधिकारियों के साथ बैठकों के बाहर से साठगांठ जारी रखे हुए हैं। जनप्रतिनिधियों का कहना है कि विभागों में अधिकांश अधिकारी पुरु ष हैं, जो विकास कायरे में भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी के बारे में महिला जनप्रतिनिधियों से बातें नहीं कर पाते, लेकिन उनके पतियों के माध्यम से अपनी कारगुजारियां जारी रखे हुए हैं। उन्होंने इस पर रोक लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने की जरूरत जताई है तथा बीडीसी एवं ग्राम पंचायत आदि की बैठकें नियमित अंतराल पर आयोजित किए जाने को जरूरी बताया है, ताकि वह भी कुछ सीख सकें तथा विकास कायरे को गति दे सकें। इसके अलावा उन्होंने सम्मानजनक मानदेय दिये जाने की भी जरूरत जताई है।तल्लीताल धर्मशाला में सरल संस्था के तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में ग्राम प्रधान, उप प्रधान एवं गांवों की वार्ड सदस्य आदि महिला जनप्रतिनिधि पत्रकारों से अपनी समस्याओं पर बात की।उनका कहना था कि अनेक ग्राम प्रधान अधिक सक्रिय नहीं हैं, जबकि अन्य उप प्रधानों एवं वार्ड सदस्यों को टीम के रूप में साथ लेकर नहीं चलते, तथा उन्हें योजनाओं व बजट आदि की जानकारी नहीं देते हैं। निर्वाचित होने के छह माह हो गए हैं, लेकिन अब तक एक भी बैठक नहीं हुई है। ऐसे में एक ओर उन पर उन्हें चुनने वाली जनता का विकास कायरे को लेकर दबाव होता है, वहीं वह कहीं अपनी बात नहीं रख पाते। कार्यशाला में सरल संस्था की प्रमुख हेमा कबडवाल, भगवती सुयाल, नीतू राजपूत, शोभा देवी, ममता कुल्याल, नीमा देवी, रजनी देवी, राजकुमारी, जयंती ढैला, रत्ना पंत, जया रावत, चंपा मेलकानी, सरिता कार्की, गंगा टम्टा, हेमा नेगी आदि मौजूद रहीं।