शुक्रवार, 14 सितंबर 2012

केएमवीएन भी चला पीपीपी मोड की राह

   
अनुपयोगी संपत्तियां निजी क्षेत्र को देगा निगम  
देशभर के शहरों में रखे जाएंगे सेल्स एजेंट
नैनीताल (एसएनबी)। कुमाऊं मंडल विकास निगम घाटे में चल रही और लाभ में आने की नगण्य संभावनाओं वाली अपनी कम से कम 14 अनुपयोगी बताई जा रही संपत्तियों को पीपीपी मोड एवं निजी क्षेत्र को देने जा रहा है। इस बाबत निगम के पदेन निदेशक मंडल की बैठक में निर्णय हो गया है। निगम देशभर के शहरों में जनरल सेल्स एजेंट (जीएसए) की तैनाती करने जा रहा है, जिन्हें कारोबार के आधार पर कमीशन दिया जाएगा। शुक्रवार को निगम के सूखाताल स्थित टीआरएच में हुई पदेन निदेशक मंडल की बैठक में यह निर्णय लिये गये। निगम के एमडी दीपक रावत ने बताया कि निगम ने इस वर्ष जुलाई तक 3.83 करोड़ रुपये का लाभ प्राप्त किया है, जोकि गत वर्ष के 3.7 करोड़ से अधिक है। निर्माण कायरे की गुणवत्ता के प्रति ठेकेदारों को जवाबदेह बनाने के लिए उनकी सिक्योरिटी राशि को पांच वर्ष तक के लिये निगम एफडी के रूप में अपने पास रखेगा। कमी आने पर सिक्योरिटी जब्त कर ली जाएगी। निगम का वर्ष 2002-03 से ऑडिट नहीं हुआ है, अब 31 दिसंबर तक 05-06 तक का ऑडिट करा लेने के आदेश दिये गये हैं। टीआरएच के अतिरिक्त चंपावत की लीसा फैक्टरी, हल्द्वानी की सरस मार्केट, दीनापानी अल्मोड़ा का क्राफ्ट सेंटर व ताड़ीखेत की निगम की अनुपयोगी पड़ी संपत्तियों को निजी क्षेत्र में देगा। पर्यटन विभाग की कुछ संपत्तियों को पीपीपी मोड में दिये जाने की भी निगम संस्तुति करेगा। नोएडा में सरकार से वर्षो पूर्व अपने कारपोरेट ऑफिस के लिये लीज पर ली गई संपत्ति पर भवन निर्माण के लिए शासन से एकमुश्त धन की मांग की जाएगी। बैठक में निगम के अध्यक्ष किरन मंडल, जीएम पर्यटन व गैस प्रकाश चंद्र, जीएम निर्माण एसके श्रीवास्तव, वित्त अधिकारी डीएस बोनाल व कंपनी सेक्रेटरी अनिल आर्य शामिल रहे।  

हल्दूचौड़ की जगह सितारगंज में बनेगा गैस प्लांट  
नैनीताल। हल्दूचौड़ स्थित आईओसी का 300 मीट्रिक टन क्षमता का गैस प्लांट वर्तमान की एक हजार एमटी गैस की जरूरत के सापेक्ष बहुत छोटा पड़ गया है। इससे गैस आपूर्ति होनी संभव नहीं है। लिहाजा सितारगंज के सिडकुल क्षेत्र में नया गैस प्लांट बनाने पर विचार चल रहा है। निगम के अध्यक्ष किरन मंडल ने यह जानकारी दी।  

गुरुवार, 13 सितंबर 2012

कुमाऊं विवि को नहीं पता कुमाऊं व नैनीताल की स्पेलिंग




नैनीताल (एसएनबी)। लगता है कि कुमाऊं विवि की अंग्रेजी और खराब होती जा रही है। विवि हमेशा से अपने नाम की स्पेलिंग में ही गलती करता रहा है और अब उसने अपने मुख्यालय के नाम की स्पेलिंग में भारी गलती करके अपने अंग्रेजी ज्ञान की खुद ही पोल खोल कर रख दी है। विवि के मुख्यालय स्थित सर्वप्रमुख डीएसबी परिसर प्रशासन ने छात्र- छात्राओं को दिये जाने वाले परिचय पत्र में नैनीताल की स्पेलिंग ‘NAINITAL’ की जगह ‘NAINAITAL’ प्रदर्शित की है। इस पर विवि में पढ़ने आये छात्र विवि के अंग्रेजी ज्ञान को लेकर हतप्रभ हैं। वहीं परिसर प्रशासन इसे मानवीय भूल मानकर पल्ला झाड़ रहा है। गौरतलब है कि कुमाऊं विवि अपने नाम में हिंदी में कुमाऊं शब्द का ही प्रयोग करता है, लेकिन जब इसे अंग्रेजी में लिखता है तो स्पेलिंग ‘KUMAON’ की जगह ‘KUMAUN’ प्रयोग की जाती है। गौरतलब है कि इस गलती को विवि के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. केडी रुबाली सहित कई लोग विवि के संज्ञान में ला चुके हैं, लेकिन इसे सुधारा नहीं गया है। बहरहाल, नैनीताल शहर की स्पेलिंग में हुई गलती को डीएसबी परिसर निदेशक प्रो. बीआर कौशल ने स्वीकारते हुए इसे आगे सही करा लेने की बात कही।

सोमवार, 10 सितंबर 2012

नैनीताल की मुहिम से इंडिया होगा क्लीन

 
नवीन जोशी, नैनीताल। नैनीताल तथा देश के अजमेर, गाजियाबाद, मेरठ, लखनऊ, इलाहाबाद व आगरा आदि नगर पंचतंत्र की कछुवे व खरगोश की कहानी से प्रेरित नजर आ रहे हैं। पांच वर्ष पूर्व एक आस्ट्रेलियाई नागरिक रैम्को वान्सान्टेन ने आस्ट्रेलिया में चल रही अपनी मुहिम ‘माई क्लीन कम्युनिटी’ की तर्ज पर नैनीताल नगर में भी अभियान शुरू किया था। देश में नैनीताल से ‘माई क्लीन नैनीताल’ के रूप में शुरू हुई यह मुहिम नैनीताल में तो वर्ष-दर-वर्ष धीमी पड़ती जा रही है। वहीं यह इन नगरों में गति पकड़ने हुए ‘माई क्लीन इंडिया’ बनती जा रही है। गाजियाबाद में तो इस मुहिम को मिसेज इंडिया र्वल्ड डा. उदिता त्यागी का साथ ही मिल गया है। 
रैम्को आस्ट्रेलिया के स्कारबौरौ शहर के रहने वाले सेवानिवृत्त केमिकल इंजीनियर तथा बीएससी, बीईसी व एमबीए डिग्रीधारी हैं। वे वर्ष 2004 में नैनीताल आये तो यहां की खूबसूरती के कायल हो गये। बस, एक कसक मन में उठी कि इस शहर को और अधिक साफ-सुथरा बनाया जाए। इसी कसक को लेकर वापस आस्ट्रेलिया लौटे तो मन के भीतर से आवाज आयी कि पहले अपना घर साफ करो, तब दूसरों का करो। बस क्या था। 'माई क्लीन कम्युनिटी' नाम की संस्था बनाकर अपने शहर को सामुदायिक सहभागिता के जरिये साफ करने का बीड़ा उठा लिया। इसके बाद वर्ष 2007 में नैनीताल लौटे और यहां के लोगों को भी इसी तरह से सफाई के लिए प्रेरित किया। 18 सितम्बर 1880 यानी नगर के महाविनाशकारी भूस्खलन के दिन हर वर्ष नैनीताल स्वच्छता दिवस मनाना तय हुआ। लोग काफी हद तक सफाई के प्रति जागे भी, और यह आरोप भी लगा कि जब कोई विदेशी आकर ही हमें हमारे घर की समस्या का समाधान बताता है, तभी हम देर से जागते हैं, और फिर जल्दी सो भी जाते हैं। हुआ भी यही। वर्ष दर वर्ष अभियान धीमा पड़ने लगा। वर्ष भर सोने के बाद 18 सितम्बर को सांकेतिक सफाई अभियान होने लगे, नगर में 'मिशन बटरफ्लाई' की शुरुआत  इसी अभियान के फलस्वरूप हुई, लेकिन यह अभियान भी 'संस्थाओं' के  लाभ के अतिरिक्त कुछ खास नहीं कर सका। न कूड़े का जैविक व अजैविक में विभक्तिकरण हुआ और न ही कूड़े का योजना के  जैविक खाद या प्लास्टिक संघनन के  साथ समूल नाश ही हो पाया। अभियान से कुछ दिन पूर्व नगर पालिका की अगुआई में वरिष्ठ पत्रकार राजीव लोचन साह, उमेश तिवाड़ी ‘विश्वास’ व दिनेश डंडरियाल आदि स्कूली बच्चों को जागरूक करते जबकि 18 सितम्बर के कार्यक्रम में अधिकांश लोगों की भूमिका फोटो खिंचवाने तक सीमित होती। इधर अपनी मेहनत का सिला न मिलने से इस वर्ष इन लोगों का हौसला भी टूटने लगा था। गत दिवस हुई बैठक में श्री साह ने आस्ट्रेलियाई नागरिक रैम्को वान्सान्टेन ने वर्ष 2007 में शुरू की थी ‘माई क्लीन कम्युनिटी’ मुहिम मिसेज इंडिया र्वल्ड डा. इदिता त्यागी बढ़ा रहीं मुहिम को आगे कह भी दिया था कि अब आगे की पीढ़ी दायित्व संभाले। महिला मैत्री संस्था ने कुछ समय हर माह की 18 तारीख को नगर के वार्डों में सफाई की, यह सिलसिला भी काफी पहले टूट चुका है। इधर रैम्को अपनी मुहिम में लगे रहे। वह बताते हैं कि उनकी मुहिम पूरी दुनिया को सामुदायिक सहभागिता के जरिये साफ-सुथरा करने की है। इस मुहिम में उन्हें खासी सफलता भी मिल रही है। भारत में ही नैनीताल से प्रेरणा लेकर इलाहाबाद, आगरा, लखनऊ जैसे शहर अपने यहां ऐसे ही कार्यक्रम चलाने लगे। रैम्को बताते हैं-अजमेर, मेरठ व गाजियाबाद में यह मुहिम खासी तेजी से चल रही है। गाजियाबाद में मिसेज इंडिया वर्ल्ड डा. उदिता त्यागी अभियान से जुड़ गयी हैं और अभियान को खुद आगे बढ़ा रही हैं। रैम्को कहते हैं, नैनीतालवासी इस बात पर गर्व कर सकते हैं कि उनके यहां से शुरू हुई मुहिम ‘माई क्लीन इंडिया’ के रूप में देश भर में आगे बढ़ रही है।   

नैनीताल पहुंचे रैम्को, चार सप्ताह तक रहेंगे     
नैनीताल। ‘माई क्लीन नैनीताल’ मुहिम को ‘माई क्लीन इंडिया’ का विस्तार देने वाले अभियान के प्रणेता आस्ट्रेलियाई नागरिक रैम्को वान्सान्टेन नैनीताल पहुंच गये हैं। वह इस बार चार सप्ताह के लिए पत्नी डाई विल्सन के साथ भारत आये हैं। एक खास भेंट में उन्होंने नैनीताल में साफ-सफाई में काफी सुधार आने की बात भी कही। उन्होंने बताया कि 18 तक यहां अभियान में शामिल रहेंगे और उसके बाद एक से छह अक्टूबर तक अजमेर में स्कूली बच्चों के सहयोग से आयोजित होने जा रहे ‘माई क्लीन स्कूल’ मुहिम का हिस्सा बनेंगे। 

रैम्को की मुहिम को माई क्लीन इण्डिया वेबसाइट पर भी देखा जा सकता है।   

सोमवार, 3 सितंबर 2012

मॉडल चिड़ियाघर बनेगा नैनीताल जू


कस्तूरा मृग विहार का प्रबंधन भी अब नैनीताल जू से होगा, तिब्बती भेड़ियों के प्रजनन का केंद्र भी बनेगा
नैनीताल (एसएनबी)। भारत रत्न पंडित गोविन्द बल्लभ  प्राणी उद्यान यानी नैनीताल जू को देश के 26 चिड़ियाघरों के साथ मॉडल चिड़ियाघर में तब्दील किया जाएगा। इस बाबत केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने निर्णय ले लिया है। वहीँ अगले 10 वर्षो में छोटे चिड़ियाघर (स्मॉल जू) से मध्यम स्तर के चिड़ियाघर (मीडियम जू) में तब्दील किया जाएगा। इस हेतु जू की भविष्य की 10 वर्षीय योजना का रोड मैप प्रबंधकारिणी समिति की बैठक में प्रस्तुत किया गया। धरमघर बागेश्वर स्थित कस्तूरा मृग अनुसंधान केंद्र, वन्य जंतु ट्रीटमेंट, ट्रांजिट एवं रेस्क्यू सेंटर रानीबाग, हिमालयन बॉटेनिकल गार्डन नारायण नगर व ईको पार्क हनुमानगढ़ी नैनीताल आगे से नैनीताल जू की प्रबंध सोसायटी के  में होंगे। साथ ही नैनीताल जू को तिब्बती भेड़ियों के संरक्षित प्रजनन केंद्र एवं हिमालयी क्षेत्र के पक्षियों के लिए उत्कृष्टता केंद्र के रूप में स्थापित किया जाएगा। 
सोमवार को नैनीताल जू के प्रमुख सचिव वन एस. रामासामी की अध्यक्षता में आयोजित प्रबंध सोसायटी की बैठक में जू में वन्य जीवों के प्रबंधन एवं रखरखाव में क्षमता विकास व प्रशिक्षण हेतु अन्य संस्थानों व पर्यावरण एवं वन मंत्रालय भारत सरकार से सहयोग लेने का निर्णय भी लिया गया। जू में सैलानियों को आकषिर्त करने के लिए पर्यटक सीजन में नैनीताल के मुख्य स्थानों पर जू से संबंधित फिल्म शो व जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। जू में अंतरराष्ट्रीय स्तर की पर्यटक सुविधाएं विकसित करने, पर्यटकों के लिए पैकेज टूर विकसित करने का निर्णय भी लिया गया। बैठक में मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं परमजीत सिंह, कपिल जोशी, जू के निदेशक डा. पराग मधुकर धकाते, डीएम निधिमणि त्रिपाठी, एसएसपी डा. सदानन्द दाते, डा. भरत चन्द, विपिन तिवारी, नगर पालिका अध्यक्ष मुकेश जोशी, दिनेश चंद्र साह, अपर सचिव वन सुशांत पटनायक, सतीश चंद्र उपाध्याय, उमेश तिवारी आदि मौजूद थे।


कर्मचारियों को तोहफा सैलानियों को झटका

नैनीताल। नैनीताल जू के प्रशासनिक ढांचे को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है, साथ ही यहां कार्यरत कार्मिकों के कल्याण के लिए नियम बनाने का निर्णय लिया गया। वहीं जू में आने वाले सैलानियों को बड़ा झटका देते हुए प्राणी उद्यान में प्रवेश की दरों में दो गुना तक की बढ़ोतरी कर दी गई। अब जू में प्रवेश हेतु वयस्कों को 30 की जगह 50 रुपये एवं बच्चों को 10 की जगह 20 रुपये देने होंगे। राहत की बात है कि जू में कैमरे ले जाने का शुल्क समाप्त कर दिया गया है। जू की कैंटीन व नेचर शॉप को आगे पीपीपी मोड से संचालित करने पर भी विचार किया गया। जू में घूमने के लिए बच्चों को प्राम तथा बुजुगरे व विकलांगों के लिए बैट्री चालित वाहन संचालित करने का निर्णय लिया गया।