मंगलवार, 21 जुलाई 2015

सरकार के बचाव को लेकर ऊहापोह में संघ



  • संघ की अनौपचारिक बैठकों का सिलसिला शुरूददुर्ग में तब्दील हुआ,
  • दुर्गापुर अभिसूचना इकाइयों और सुरक्षा में तैनात राज्य पुलिस के जवानों को भी कार्यक्रम स्थल के गेट के बाहर किया
नैनीताल (एसएनबी)। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ इन दिनों अजीब कशमकश में फंसा हुआ है। चिंता इस बात को लेकर है कि केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार तो बन गई, मगर सबको साथ लेकर चलने की मजबूरी में सरकार अपनी पितृ संस्था के साथ अपेक्षित न्याय नहीं कर पा रहा है, उलटे विवादों के चक्रव्यूह में लगातार फंसते जा रही है।विपक्ष खासकर कांग्रेस केंद्र के साथ ही एक-एक कर भाजपा नेतृत्व वाली सभी राज्य सरकारों को विवादों में शामिल बताने में कमोबेश सफल हो रही है। ऐसे में संघ क्या करे। भाजपा को बैकफुट पर जाने से रोकने के लिए स्वयं आगे आए कि नहीं। यह वे कशमकश के सवाल हैं जिन पर मुख्यालय के निकटवर्ती पार्वती प्रेमा जगाती सरस्वती विहार दुर्गापुर में संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत एवं सर कार्यवाह व सह कार्यवाह स्तर के नेताओं की अनौपचारिक तौर पर शुरू हो गई बैठकों में छाए हुए हैं। यूं संघ ने दुर्गापुर में हो रही बैठक स्थल को दुर्ग में तब्दील कर दिया है। अभिसूचना इकाइयों के साथ उत्तराखंड पुलिस के जवानों को भी कार्यक्रम स्थल के गेट के बाहर कर दिया गया है, जबकि मीडिया कर्मियों को गेट के पास से ही ‘‘टरकाने’ की व्यवस्था की गई है। कार्यक्रम की व्यवस्थाओं में स्थानीय स्वयंसेवकों को केवल चाय-पानी, भोजन अथवा बाहरी प्रदेशों से आ रहे प्रांत व क्षेत्रीय प्रचारकों की व्यवस्थाएं करने तक के कायरे में सीमित किया गया है। इससे कई कार्यकर्ता क्षुब्ध भी हैं। सूत्र बता रहे हैं कि संघ इस बात से चिंतित है कि संघ की विचारधारा को आगे बढ़ाने वाली सरकार के कार्यकाल में देश व हिंदुत्व की संघ की विचारधारा को आगे बढ़ाने के अपेक्षित लक्ष्य पूरे नहीं हो पा रहे हैं,और नई चुनौतियां सिर उठाती जा रही हैं। उधर, बैठक के लिए कमोबेश सभी राज्यों के प्रांत व क्षेत्रीय प्रचारक दुर्गापुर पहुंच गए हैं। छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश आदि प्रदेशों के प्रांत व क्षेत्र प्रचारकों ने सोमवार को मुख्यालय नैनीताल का भी भ्रमण किया। 

मोहन भागवत ने किया ज्योति स्वरूप भवन का लोकार्पण                                                   

नैनीताल। आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत ने सोमवार को पार्वती प्रेमा जगाती सरस्वती विहार में विद्यालय की स्थापना के दौर में विभाग और क्षेत्र प्रचारक रहे तथा स्थापना में प्रमुख भूमिका निभाने वाले ज्योति स्वरूप के नाम से एक भवन का लोकार्पण किया। इस भवन में आधुनिक आईटी लैब के साथ स्काउट, एनसीसी व एनएसएस तथा संगीत विभाग के कक्ष हैं। लोकार्पण के अवसर पर संघ के सर कार्यवाह भैया जी जोशी, सह कार्यवाह सुरेश सोनी, दत्तात्रेय घोसबोले, डा. किरण गोपाल, विद्यालय की कार्यकारिणी समिति के अध्यक्ष डा. एपी सिंह व प्रधानाचार्य डा. किशनवीर सिंह शाक्य आदि प्रमुख रूप से मौजूद थे।


सोमवार, 20 जुलाई 2015

2017 चुनाव : संघ की सर्वोच्च प्राथमिकता में होगा उत्तराखंड




  • राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के 90 वर्ष के इतिहास में पहली बार अखिल भारतीय प्रांत प्रचारकों की बैठक नैनीताल में आयोजित
  • अक्टूबर में हरिद्वार में संघ की दूसरी शीर्ष अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक उत्तराखंड के हरिद्वार में प्रस्तावित
नवीन जोशी, नैनीताल। वर्ष 1925 में अपनी स्थापना से हिंदू समाज के उत्थान के लिए संघर्षरत राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के लिए उत्तराखंड शीर्ष प्राथमिकता में आ गया है। गंगा-यमुना के उद्गम व ऋषि-मनीषियों के दौर से देश-दुनिया को वेद-पुराणों व धर्म की दीक्षा देने वाले राज्य उत्तराखंड में आरएसएस ने अपनी स्थापना के 90 वर्षो के इतिहास में पहली बार अपनी दोनों शीर्ष बैठकें उत्तराखंड में रखकर इसका संकेत दे दिया है। संघ की शीर्ष अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक उत्तराखंड के नैनीताल में 21 से 24 जुलाई तक आयोजित हो रही है, जबकि आगे अक्टूबर में दूसरी शीर्ष अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक भी उत्तराखंड के हरिद्वार में प्रस्तावित कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में वर्ष 2017 में विधान सभा चुनाव होने हैं, लिहाजा संघ की दो प्रमुख बैठकों को पहली बार एक साथ उत्तराखंड में रखने के राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। 

नियमित तौर पर नैनीताल, कुमाऊं और उत्तराखंड के समाचार, विशिष्ट आलेख, खूबसूरत चित्रों के लिए फॉलो करें-नवीन जोशी समग्र
इन बैठकों में देश की राजनीति पर तो चर्चा होगी ही, पर राज्य में बैठकर प्रदेश की राजनीति की बात नहीं होगा, कहना बेमानी होगा। यह अलग बात है कि जाहिर तौर पर 2017 में किसी तरह का राजनीतिक लाभ लेने की बात भले न हो, लेकिन संघ अपने एजेंडे को राज्य के राजनीतिक दलों के बीच जरूर आगे बढ़ाएगा। इसका इशारा होना भी प्रारंभ हो गया है। कांग्रेस सरकार ने राज्य में हरेला महोत्सव व मेरे बुजुर्ग-मेरे तीरथ नाम की जो धर्म-संस्कृतिसे जुड़ी योजनाएं शुरू की हैं, संघ के लोग उसे संघ की विचारधारा का आगे बढ़ना बता रहे हैं। साफ है कि इस तरह सत्तारूढ़ दल के साथ विपक्ष पर भी संघ दबाव बनाने और अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए जन दबाव बनाने जैसा प्रयास भी करेगा तो आश्चर्य न होगा।

सरसंघचालक मोहन भागवत बैठक से दो दिन पहले नैनीताल पहुंचे

नैनीताल। नैनीताल के पार्वती प्रेमा जगाती सरस्वती विहार दुर्गापुर में 21 जुलाई से शुरू हो रही अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक कितनी महत्वपूर्ण है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि संघ के शीर्ष-सरसंघचालक मोहन भागवत बैठक से दो दिन पूर्व रविवार सुबह यहां पहुंच गए। आगे उनका बैठक के एक दिन बाद यानी 25 जुलाई की शाम लौटने का कार्यक्रम है। उल्लेखनीय है कि मोहन भागवत का उत्तराखंड से पूर्व से ही लगाव रहा है। वह पूर्व में सह सरसंघचालक रहते अल्मोड़ा व सर सरसंघचालक बनने के बाद पिछले वर्ष यहीं दुर्गापुर में आ चुके हैं। कार्यक्रम से जुड़े लोगों के अनुसार भागवत को नैनीताल में इन दिनों बरसात के मौसम में स्थितियां खराब होने का भय दिखाया गया था, पर इसके जवाब में मोहन भागवत का दिलचस्प जवाब था कि जब लोग वहां रह रहे हैं, तो उन्हें आने में क्या दिक्कत हो सकती है। जैसे लोग वहां रह रहे हैं, वैसे ही वह भी रह लेंगे। बताया गया है कि भागवत यहां आकर कार्यक्रम के मीनू में शामिल भट की चुड़कानी, रस भात, लिंगुड़े की सब्जी व झुंगरे का भात जैसे ठेठ कुमाऊंनी व्यंजनों का स्वाद ले रहे हैं। गौरतलब है कि उनसे पूर्व केसी सुदर्शन और रज्जू भैया यहां सरसंघचालक रहते आने वालों में शामिल रहे हैं। 

कोश्यारी और पंत ने लगाई हाजरी

नैनीताल। आरएसएस पूर्णतया गैर राजनीतिक संगठन है, परंतु भाजपा से उसकी नजदीकी किसी से छुपा नहीं है। लिहाजा संघ की शीर्ष अखिल भारतीय बैठक के यहां होने के नाते भाजपा नेताओं का भी यहां आना-जाना लगा रह सकता है। भाजपा के प्रदेश महामंत्री प्रकाश पंत शनिवार की शाम व्यवस्थाओं का जायजा लेकर यहां से लौट चुके हैं, जबकि सांसद भगत सिंह कोश्यारी ने रविवार सुबह आकर सर सरसंघचालक से आशीर्वाद लेने के लिए हाजरी लगा दी है।

प्रदेश सरकार को मिल सकती है सराहना

नैनीताल। भले प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई ‘‘मेरे बुजुर्ग-मेरे तीर्थ’और हरेला महोत्सव जैसे लोक संस्कृति से जुड़े कार्यक्रमों की विपक्षी भाजपा आलोचना कर रही हो, मगर इन योजनाओं पर आरएसएस से राज्य सरकार को सराहना मिल सकती है। संघ के सदस्यों का कहना है कि संघ का एजेंडा हिंदुत्व का यानी हिंदू समाज के उत्थान का एजेंडा है। कोई पार्टी उसके एजेंडे को आगे बढ़ाए, इससे संघ को परहेज नहीं होता। वरन संघ चाहता है कि हर पार्टी उसकी विचारधारा को आगे बढ़ाए। उत्तराखंड में संघ ने हरेला लोकपर्व से 25 लाख पौधे रोपने का लक्ष्य रखा है। राज्य सरकार ने हरेला महोत्सव से संघ के इस अभियान को आगे बढ़ाने का ही कार्य किया है, इसलिए आश्र्चय न हो, यदि अखिल भारतीय प्रांतीय प्रचारक बैठक में इसका जिक्र आने पर राज्य सरकार की सराहना ही की जाए।

भाजपा के राम माधव, सुरेश सोनी व रामलाल भी पहुचेंगे बैठक में 

नैनीताल। आरएसएस की 21 जुलाई से आयोजित अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक के लिए सरसंघचालक मोहन भागवत के अलावा सर कार्यवाह भैयाजी जोशी नैनीताल पहुंच चुके हैं। उनके अलावा बैठक में सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी व कृष्ण गोपाल के अलावा भाजपा महामंत्री संगठन राम लाल, केंद्रीय मंत्री राम माधव, उत्तराखंड के पूर्व प्रांत प्रचारक शिव प्रकाश व सौदान सिंह आदि नेता, प्रांत प्रचारक डा. हरीश रौतेला, सह प्रांत प्रचारक युद्धवीर सहित संघ के किसान संघ, मजदूर संघ, विद्या भारती, बनवासी कल्याण आश्रम जैसे करीब दो दर्जन आनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारी व प्रांत एवं क्षेत्रीय प्रचारकों सहित 180 शीर्ष पदाधिकारियों के पहुंचने और बैठक में भाग लेने की उम्मीद है।

मंगलवार, 12 मई 2015

एक गृहणी से मृदुभाषिता के जरिए महिला कांग्रेस अध्यक्ष के पद तक पहुंची हैं सरिता आर्या


-परी कथा की तरह रहा है एक ग्रामीण बच्ची का महिला कांग्रेस के शीर्ष तक पहुंचने का सफर
नवीन जोशी, नैनीताल। नैनीताल की विधायक सरिता आर्या को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। मुख्यालय के निकटवर्ती गांव में अपनी माता के हाथों में पली एक बालिका का महिला कांग्रेस के शीर्ष पद पहुंचने का सफर किसी परी कथा की तरह रहा है, और इस कथा में सबसे बड़ी भूमिका सरिता आर्या के मृदुभाषी होने तथा पदों की प्राप्ति के बावजूद स्वयं के व्यवहार में कोई परिवर्तन खासकर किसी तरह का दंभ रखे बिना छोटों-बढ़ों सबको सम्मान देने की रही है। किसी भी व्यक्ति से हाथ जोड़कर कुशल क्षेम पूछना और कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि होने के बावजूद पीछे की पंक्ति में बैठे परिचितों का अभिनंदन करना जैसे उनकी पहचान बन गई है।
एक ग्रामीण बालिका से आईएएस अधिकारी की पत्नी तथा दो बेटों की मां के रूप में एक गृहणी के रूप में घर-गृहस्थी संभाल रही सरिता का सार्वजनिक जीवन में पदार्पण वर्ष १९९० में ऑल इंडिया वीमन कांफ्रेंस में जुड़ने के साथ हुआ। वर्ष २००३ में वह सीधे व पहले प्रयास में ही नैनीताल नगर पालिका अध्यक्ष की बड़ी भूमिका के लिए निर्वाचित हुर्इं और २००८ तक इस पद पर उनका बेदाग कार्यकाल रहा। आगे २००९ में ऑल इंडिया वीमन कांफ्रेंस ने उन्हें नगर अध्यक्ष की जिम्मेदारी सोंपी, जिसके जरिए अन्य दलों की महिला नेत्रियों के साथ भी उनके मधुर संबंध रहे। वर्ष २०१२ में एक बारगी सरिता को कांग्रेस पार्टी से टिकट प्राप्त करने के लिए पत्रकार वार्ता का सहारा लेना पड़ा था, जिसके बाद उनका टिकट फाइनल हुआ तो उन्होंने उक्रांद व भाजपा के हाथों रही नैनीताल सीट पर कांग्रेस को रिकार्ड २३ वर्षों के बाद सत्ता में वापस ला दिया। इधर राज्य की राजनीति में बदलते समीकरणों, जनपद के अन्य अनुसूचित जाति के नेता यशपाल आर्य के जनपद से बाहर से लड़ने से खाली हुई अनुसूचित नेता की जगह को बखूबी भरते हुए सरिता पहले मंत्री स्तरीय संसदीय सभा सचिव का पद प्राप्त करने के बाद महिला कांग्रेस के शीर्ष पर पहुंची हैं, जिस पर उनके दल के ही नहीं विरोधी दलों के लोग भी खुशी जता रहे हैं। उनके नजदीकी हांे या कि विरोधी, सबका मानना है कि उनका मृदुभाषी होना उनकी सबसे बड़ी ताकत है, जिसके बाद उनके मुस्कुराते चेहरे के आगे कोई विरोधी भी विरोधी नहीं रह पाता है। बुधवार को उनका मुख्यालय में स्वागत होने तथा आगामी १६ मई को पदभार संभाले जाने की संभावना है।

राजस्व मंत्री के क्षेत्र में राजस्व विभाग गायब !

-कुमाऊं मंडल के अपर आयुक्त की वार्षिक निरीक्षण आख्या में की गई है टिप्पणी-बाजपुर तहसील में राजस्व विभाग का कार्य किया जाना ही दृष्टिगोचर नहीं होता
नवीन जोशी, नैनीताल। कुमाऊं मंडल के अपर आयुक्त की वार्षिक निरीक्षण आख्या में बाजपुर तहसील के बारे में टिप्पणी की गई है कि बाजपुर तहसील के अंतर्गत राजस्व न्यायालय व राजस्व अभिलेखों को अद्यतन किए जाने तथा राजस्व संग्रह, जो कि राजस्व विभाग के मूलभूत कार्य हैं, के संबंध में राजस्व विभाग का कार्य किया जाना ही दृष्टिगोचर नहीं होता है। वहां सक्षम राजस्व अधिकारी यानी तहसीलदार राजस्व विभाग के मौलिक कार्यों को करने में कोई रुचि रखते हुए प्रतीत नहीं होते, एवं राजस्व विधियों का पालन जनहित में करने के बजाय उनका दुरुपयोग अधिनियमित एवं संवैधानिक व्यवस्थाओं के विपरीत किया जाना स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है। रिपोर्ट में बाजपुर तहसील के राजस्व विभाग पर अनेकों टिप्पणियां की गई हैं, तथा प्रभारी तहसीलदार को कदाचार का दोषी भी ठहराया गया है।
उल्लेखनीय है कि बाजपुर प्रदेश के राजस्व मंत्री यशपाल आर्य का विधान सभा क्षेत्र है। पूर्व में इस क्षेत्र में अवैध खनन के खिलाफ तत्कालीन नैनीताल रेंज के डीआईजी संजय गुंज्याल द्वारा कार्रवाई करने पर प्रदेश की चार में दो पुलिस रेंजों को ही समाप्त कर राज्य की पुलिस व्यस्था ही बदल दी गई थी। इधर अपर आयुक्त कुमाऊं जगदीश कांडपाल द्वारा बीती १५ मार्च को किए गए बाजपुर तहसील के वार्षिक निरीक्षण और इसकी एक अप्रैल को आयुक्त तथा ऊधमसिंह नगर जिले के डीएम एव एसडीएम आदि को भेजी गई रिपोर्ट 'राष्ट्रीय सहारा"  के हाथ लगी है। रिपोर्ट के बिंदु संख्या एक के अनुसार अपर आयुक्त को निरीक्षण के लिए प्रस्तुत की गई पुस्तिका राजस्व नियम संग्रह के अध्याय १८ के अनुसार नहीं थी, उसमें अनेक त्रुटियां तथा कई प्रपत्र संलग्न नहीं किए गए थे, इसके लिए प्रभारी तहसीलदार सुदेश चंद्र को साफ तौर पर कदाचार का दोषी ठहराया गया है। कहा गया है कि श्री चंद्र के द्वारा तहसील का आंतरिक निरीक्षण तथा संग्रह कार्य का पर्यवेक्षण भी नहीं किया गया है। अभिलेखों के अनुसार तहसीलदार न्यायालय में ८६ वाद विचाराधीन बताए गए, लेकिन चंद्र नहीं बताए गए कि कितरे वाद विवादित हैं। उनके द्वारा कभी भी वादों की सुनवाई नहीं की गई, व विचाराधीन वादों को नायब तहसीलदार से निस्तारित करवाया गया। विविध देवों के २६ मदों में २२२.७७ लाख की मांग के सापेक्ष फरवरी तक १८८.७८ लाख यानी ८४.७४ फीसद की वसूली दर्शाई गई, जबकि १० बड़े बकाएदारों से ही १०५ लाख की वसूली अवशेष पाई गई, यानी वास्तविक मांग करीब १५ करेाड़ को छिपा कर अधिक वसूली दिखाई गई। राजकीय देयों की भी करोड़ों रुपए की वसूली के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई। रिपोर्ट के अनुसार खतौनियों के रखरखाव व उनमें भूलेख नियमावली की प्रक्रिया का गंभीर उल्लंघन व क्षेत्राधिकार का अतिक्रमण बताया गया है, साथ ही आर-६ पंजिका में भी निर्धारित व्यवस्थाओं का अनुसरण नहीं किया गया है। इस बारे में ऊधमसिंह नगर के डीएम को कार्रवाई करनी थी। पूछे जाने पर डीएम पंकज पांडेय का कहना है कि प्रभारी तहसीलदार ने आगे से ऐसी कमियां न होने की बात कही है। अनुपालन रिपोर्ट कुमाऊं आयुक्त को एक-दो दिन पहले ही भेज दी गई है। मामला प्रदेश के राजस्व मंत्री के क्षेत्र से संबंधित होने के कारण अधिकारी मामले में कोई कार्रवाई करने या जवाब देने से भी बच रहे हैं।

योजनाबद्ध तरीके से भूमिहीन किया जा रहा एसटी के काश्तकारों को

नैनीताल। अपर आयुक्त की टिप्पणी रिपोर्ट के बिंदु संख्या १० में बाजपुर तहसील में अनुसूचित जनजाति के काश्तकारों की भूमि योजनाबद्ध तरीके से विक्रय कर उन्हें भूमिहीन किए जाने का अप्रत्यक्ष कार्य किया जा रहा है। इस कार्य के लिए पंजिका संख्या-४ को माध्यम के रूप में इस्तेमाल किया गया है। मद संख्या १८५ व १९४ में क्रमश. १.७ लाख व १४.१ लाख रुपए की धनराशि एसटी के व्यक्ति की भूमि को बिना व्यापक प्रचार-प्रसार के तथा जमींदारी आकार पत्र ७३ (क) के तहत अनुमति लिए बिना ही नीलाम करने से प्राप्त हुई है। इसमें से ६.२८ लाख रुपए संबंधित काश्तकार गोविंद सिंह को नगद भुगतान दिया गया है, जो कि नियमविरुद्ध है।

मूलतः यहाँ देखें-राष्ट्रीय सहारा, देहरादून। १३ मई २०१५ , पेज-१। 


गुरुवार, 23 अप्रैल 2015

कुमाऊंनी साहित्य व संस्कृति को बढ़ावा देगा केएमवीएन


Rashtriya Sahara, 24.04.2015

नैनीताल (एसएनबी)। कुमाऊं मंडल में पर्यटन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला केएमवीएन अब कुमाऊंनी साहित्य व संस्कृति को बढ़ाने का कार्य भी करेगा। निगम के उपाध्यक्ष वरिष्ठ कुमाऊंनी साहित्यकार गोपाल दत्त भट्ट ने कहा कि निगम पहले से ही अपने पर्यटक आवास गृहों में आने वाले देश भर के पर्यटकों को अनेक मौकों पर कुमाऊं के लजीज व्यंजन परोसता रहता है, आगे यहां कुमाऊं के लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकारों की कृतियों के जरिए यहां के साहित्य को तथा यहां के परिधान व संस्कृति के अन्य अंगों को सैलानियों के अवलोकन और प्रयोग के लिए रखने पर विचार किया जाएगा। 
भट्ट बृहस्पतिवार (23.04.2015) को टीआरएच सूखाताल में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 2013 की आपदा के बाद कुछ लोगों ने देश भर में उत्तराखंड के असुरक्षित होने का भ्रम फैलाया है। इधर विपक्ष अब भी यह भ्रम जारी रखने का कार्य कर रहा है, जबकि प्रदेश सरकार लगातार इस भ्रम को तोड़ने का कार्य कर रही है। आगे निगम देश भर में प्रदेश के पर्यटन के लिए सुरक्षित होने का प्रचार-प्रसार करेगा। गढ़वाल की तरह कुमाऊं के नानकमत्ता, पूर्णागिरि, रीठा साहिब, चंपावत, हाट कालिका, जागेश्वर, बागेश्वर, बैजनाथ, कोटभ्रामरी व द्योनाई से होते हुए कैंची आदि धार्मिक स्थलों को जोड़कर धार्मिक पर्यटन को बढ़ाने, अच्छा कार्य कर रहे नैनीताल, कौसानी व चौकोड़ी के टीआरएच का उच्चीकरण एवं घाटे में चल रहे टीआरएच को उबारने तथा अनछुवे पर्यटक स्थलों को चिह्नित कर वहां कॉटेज बनाकर स्थानीय युवकों को आवंटित करने आदि की योजनाएं उनके दिमाग में हैं, जिन्हें वह क्रियान्वित करने का प्रयास करेंगे।

बुधवार, 11 फ़रवरी 2015

नगर पालिका और जिला प्रशासन आमने-सामने, टकराव तय

  • पालिका बोर्ड के अधिकारों में हस्तक्षेप का लगाया आरोप
  • दुर्गापुर में मकानों के आवंटन मामले में हुए हैं एफआईआर के निर्देश 
  • पालिका अध्यक्ष ने कहा, आवंटन में पालिका ने नहीं की कोई गलती 

नैनीताल। जेएनएनयूआरएम व बीएसयूपी योजना के तहत दुर्गापुर में बने भवनों के आवंटन के मामले में एफआईआर दर्ज कराने के प्रशासन के आदेशों को पालिका अध्यक्ष श्याम नारायण ने गलत बताया है। पालिका अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि प्रशासन नगर पालिका बोर्ड के अधिकारों पर हस्तक्षेप कर रहा है। बीती 27 जनवरी 2015 को कुमाऊं आयुक्त अवनेंद्र सिंह नयाल की अध्यक्षता में जेएनएनयूआरएम व बीएसयूपी योजना के तहत दुर्गापुर में बने भवनों में से दो भवन नगर पालिका द्वारा दो लोगों को दिये जाने को गलत ठहराया गया था तथा इस मामले में झील विकास प्राधिकरण के प्रोजेक्ट अभियंता सीएम साह को जिला शासकीय अधिवक्ता- फौजदारी से परामर्श कर दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिये गए थे। 

नियमित तौर पर नैनीताल, कुमाऊं और उत्तराखंड के समाचार, विशिष्ट आलेख, खूबसूरत चित्रों के लिए फॉलो करें-नवीन जोशी समग्र

पालिकाध्यक्ष नारायण ने बैठक के कार्यवृत्त के आधार पर इन आदेशों को नगर की निर्वाचित पालिका बोर्ड के अधिकारों पर हस्तक्षेप बताया है तथा आगे से भवनों के आवंटन से पालिका की भूमिका को समाप्त कर प्रशासन से ही भवनों का आवंटन करने को कहा है। उल्लेखनीय है कि बैठक के कार्यवृत्त में झील विकास प्राधिकरण द्वारा पूर्व में तैयार 53 लोगों की सूची में से भी प्रभावित लोगों को दुर्गापुर में आवास न दिये जाने पर भी सवाल उठाए गए थे। इस मामले में भी पालिकाध्यक्ष नारायण ने कुमाऊं आयुक्त को लिखे पत्र में कहा है कि 2008 में बनी डीपीआर भारत सरकार से स्वीकृत है, लिहाजा किसी दूसरी (प्राधिकरण की पुरानी 53 लोगों की) सूची से लोगों को भवन आवंटित नहीं किये जा सकते। वहीं स्वयं द्वारा डीपीआर से इतर दो लोगों, बिहारीलाल पुत्र हरी राम व पूरन सिंह सिजवाली पुत्र हर सिंह के मामलों में सफाई दी है कि इन लोगों के घर पिछले वर्ष बलियानाला में हुए भूस्खलन की चपेट में आकर ध्वस्त हो गए थे तथा उनके पास प्रशासन की ओर से इसी पते पर जारी हुए वर्षो पुराने स्थायी निवास प्रमाणपत्र, भूमि से संबंधित दस्तावेज, जाति प्रमाणपत्र, राशन कार्ड और बैंक की पास बुक आदि दस्तावेज उपलब्ध हैं, जिनके आधार पर ही उन्हें मकान पालिका बोर्ड की सहमति से आवंटित किये गए हैं। वहीं ‘राष्ट्रीय सहारा’ से बातचीत में अध्यक्ष ने कहा, उन्हें लगता है यह मामला पालिका के अधिकारियों को परेशान करने के लिए उठाया गया है जबकि व्यक्तिगत एवं हर स्तर पर उन्हें लगता है कि मामले में पालिका की ओर से कोई भी गलती नहीं की गई है। यदि किसी को कुछ गलत लगता है तो वह आगे कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है। बहरहाल, पालिकाध्यक्ष के इस लिखित जवाब के बाद मामले में प्रशासन व पालिका के बीच तल्खी और बढ़ने के पूरे आसार बनते दिख रहे हैं।

कार्रवाई करेगा प्रशासन : आयुक्त 

नैनीताल। इस मामले में पालिकाध्यक्ष के पत्र पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कुमाऊं आयुक्त अवनेंद्र सिंह नयाल ने कहा कि अध्यक्ष के पत्र से कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। किसी का हक मारकर दूसरे को नियमविरुद्ध आवास आवंटित करना बड़ा अपराध है। जिला शासकीय अधिवक्ता से परामर्श मांगा गया है। जरूरत पड़ने पर दोषियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जाएगी। मामले में 2008 में बनी डीपीआर में नाम जोड़ने की भी जांच कराई जा सकती है।

गुरुवार, 5 फ़रवरी 2015

भवन-जमीन की धोखाधड़ी पर दर्ज किये जाएंगे मुकदमे

कर लिया गया है मंडलायुक्त की अध्यक्षता में "लैंड फ्रॉड समन्वय समिति" का गठन

नवीन जोशी नैनीताल। सरकारी, गैर सरकारी हर तरह के भवनों और जमीनों पर कब्जा करना और उन्हें फर्जी तरह से खुर्द-बुर्द करना व किसी अन्य के नाम करना अब आसान नहीं होगा। ऐसे मामलों में प्रथमदृष्टया अपराध की पुष्टि होने और पर्याप्त साक्ष्य होने की स्थिति में अनिवार्य रूप से पुलिस में अभियोग पंजीकृत किये जाएंगे। प्रदेश सरकार के हालिया शासनादेश के तहत कुमाऊं मंडल में भवनों व जमीनों की धोखाधड़ी के मामलों में दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए मंडलायुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी-लैंड फ्रॉड समन्वय समिति का गठन कर लिया गया है। कमेटी में मंडलायुक्त के अलावा डीआईजी, झील विकास प्राधिकरण के सचिव, अपर आयुक्त, वन संरक्षक, नगर पालिका नैनीताल के अधिशासी अधिकारी सदस्य हैं। समिति की पहली बैठक में कुमाऊं परिक्षेत्र के डीआईजी ने ऐसे सभी मामलों को पुलिस को संदर्भित करने को कहा है, जिनमें प्रथमदृष्टया भवनों व जमीनों की धोखाधड़ी या अभिलेखों में हेरफेर कर अवैध खरीद-फरोख्त की गई है।

नियमित तौर पर नैनीताल, कुमाऊं और उत्तराखंड के समाचार, विशिष्ट आलेख, खूबसूरत चित्रों के लिए फॉलो करें-नवीन जोशी समग्र

समिति की पहली बैठक में कुमाऊं परिक्षेत्र के डीआईजी ने ऐसे सभी मामलों को पुलिस को संदर्भित करने को कहा है, जिनमें प्रथम दृष्टया भवनों व जमीनों की धोखाधड़ी या अभिलेखों में हेरफेर कर अवैध खरीद-फरोख्त की गई है। कमेटी ने अपनी पहली बैठक में खटीमा में वन भूमि के दो मामलों में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। उम्मीद जताई जा रही है, इस कवायद से कुमाऊं मंडल में माफिया संस्कृति पर लगाम लग सकेगी। 
कुमाऊं आयुक्त अवनेंद्र सिंह नयाल की अध्यक्षता में गत दिवस हुई लैंड फ्रॉड समन्वय समिति की पहली बैठक में खटीमा रेंज के आरक्षित वन क्षेत्र खेतलसंडा मुस्ताजर की आरक्षित वन भूमि के आवंटन को नियम विरुद्ध बताते हुए डीआईजी कुमाऊं ने अभियोग पंजीकृत करने पर सहमति जताई। इसी तरह चंडीगढ़ निवासी अमृता सिंह की अल्मोड़ा जिले के ग्राम देवीपुर मूल्या स्थित भूमि में उनके परिवार जनों द्वारा धोखाधड़ी से दाखिल खारिज कराने के मामले को भी डीआईजी को अभियोग पंजीकृत करने के लिए संदर्भित कर दिया गया। इसके अलावा समिति के समक्ष पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट क्षेत्र में व्यापक स्तर पर वन भूमि पर अवैध कब्जा कर निर्माण करने व निर्माणों को बेचने तथा नगर क्षेत्र में सरकारी जमीनों को नजूल भूमि दर्शाकर फ्री-होल्ड कराने की कार्रवाई तथा जमीनों की बिक्री की जा रही है। ऐसे मामलों में वन, राजस्व आदि विभागों का उत्तरदायित्व तय करने एवं आपराधिक पुष्टि होने पर जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध मुकदमे दर्ज करने को कहा गया है। बैठक में तय किया गया है कि भवन-जमीनों संबंधी अभिलेखों में धोखाधड़ी व हेरफेर संबंधी शिकायतों की प्रारंभिक जांच में अपराध की पुष्टि होने और पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध होने की स्थिति में अनिवार्य रूप से अभियोग पंजीकृत किए जाएंगे।

बुधवार, 4 फ़रवरी 2015

देश में अग्रणी है उत्तराखंड का राज्य निर्वाचन आयोग

नैनीताल। मुख्य सूचना आयुक्त नृप सिंह नपलच्याल ने बताया कि उत्तराखंड का राज्य निर्वाचन आयोग देश का अग्रणी आयोग है। आयोग अपने पास आई 93 फीसद द्वितीय अपीलों और 98 फीसद शिकायतों का निस्तारण कर चुका है। राज्य में वर्ष 2005 में आरटीआई शुरू होने के बाद से जनवरी माह तक साढ़े चार लाख से अधिक सूचनाओं के आवेदन आ चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा सूचनाएं राजस्व विभाग से संबंधित तथा इसके बाद विद्यालयी शिक्षा एवं गृह विभाग से संबंधित होती हैं। उन्होंने बताया कि सूचना मिलने में किसी तरह की शिकायत सीधे आयोग को की जा सकती है। शिकायतों पर दोषी को दंडित करने का प्राविधान है। नृप सिंह ने बताया कि सूचना अधिकारियों को सहयोग न करने वाले विभागीय कर्मचारियों के खिलाफ दंडनीय कार्रवाई का प्रावधान है।

नियमित तौर पर नैनीताल, कुमाऊं और उत्तराखंड के समाचार, विशिष्ट आलेख, खूबसूरत चित्रों के लिए फॉलो करें-नवीन जोशी समग्र

आयोग ने मांगी वीडियो कान्फ्रेंसिंग की सुविधा

नैनीताल। राज्य सूचना आयोग ने सरकार से अपने राज्य कार्यालय में वीडियो कान्फ्रेंसिंग की सुविधा देने की मांग की है, ताकि राज्य की जनता को आयोग के समक्ष अपनी बात रखने के लिए देहरादून के चक्कर न लगाने पड़ें। इस तरह अपने जिला मुख्यालय आकर वह आयोग से संवाद कर पाएं। प्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त नृप सिंह नपलच्याल ने बताया कि इस बाबत राज्य सरकार से अनुरोध किया गया है। उन्होंने खुलासा किया कि राज्य की एनडी तिवारी के नेतृत्व वाली सरकार के दौर से सरकार से राज्य निर्वाचन आयोग की दो पीठें अल्मोड़ा व श्रीनगर में गठित करने की मांग की थीं, पर आज तक सरकार से इस पर अनुमोदन न मिलने के बाद आयोग को यह अनुरोध करना पड़ा है। बुधवार को मुख्यालय स्थित उत्तराखंड प्रशासन अकादमी में नपलच्याल ने ‘राष्ट्रीय सहारा’ से वार्ता करते हुए यह खुलासा किया। उन्होंने बताया कि सूचना मांगने वालों को धमकी मिलने संबंधी मामलों के लिए सभी डीएम को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि आयोग अधिक सूचनाएं मांगे जाने वाले कार्यालयों में सूचना अधिकार के जवाब देने के लिए अलग से पटल स्थापित किए जाने का पक्षधर हैं।